नकली रेमडेसिविर सप्लाई मामले में SIT 4 आरोपियों को गुजरात से जबलपुर लाई, कोर्ट में होगी पेशी

मध्यप्रदेश में गुजरात से सप्लाई की गई 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में SIT अब आरोपियों की रिमांड की तैयारी में, आमने सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है पुलिस, बडे़ खुलासे की उम्मीद

Publish: Jun 17, 2021, 06:20 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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जबलपुर। मध्यप्रदेश में नकली रेमडेसिविर सप्लाई करने के चार आरोपियों को पुलिस गुजरात से लेकर जबलपुर आई है। ये चारों आरोपी गुजरात की जेल में बंद थे। इन चारों पर इनके गिरोह के साथ जबलपुर समेत पूरे राज्य में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने का आरोप है। पुलिस गुरुवार को आरोपियों के बयान दर्ज करेगी। जबलपुर सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा के बारे में बड़े खुलासे होने की संभावना है।

जबलपुर पुलिस गुजरात की जेल में बंद इन आरोपियों को लेने गई थी। जबलपुर के घमापुर थाना प्रभारी की अगुवाई में 10 सदस्यीय पुलिस दल बाय रोड गया था। वहां से चारों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर जबलपुर लाया गया है। इन चारों आरोपियों  को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। SIT इनको पांच दिन की रिमांड पर लेने की तैयारी में हैं। 

दरअसल मई महीने में गुजरात से 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर में सप्लाई किए गए थे। SIT को इन आरोपियों की लताश थी। इन चारों पर मध्यप्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़े पैमाने पर सप्लाई का आरोप है। ये नकली इंजेक्शन करीब 171 मरीजों को लगे थे। जिनमें से 9 मरीजों की मौत हो गई थी। पुलिस अब तक इस मामले में 50 मरीजों से पूछताछ कर चुकी है, उनकी दवाओं के बिल की जांच हो चुकी है। वही पुलिस ने फेंके गए 200 वायल और कई नकली इंजेक्शन जब्त किए थे।

SIT इन आरोपियों से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के पूरे गिरोह की जानकारी पता करने की कोशिश करेगी। पुलिस रिमांड में इस बात का खुलासा हो सकता है कि ये नकली इंजेक्शन गुजरात के मोरबी से इंदौर और जबलपुर पहुंचे। माना जा रहा है  कि SIT गुजरात से लाए गए आरोपियों और जबलपुर की जेलों में बंद सिटी अस्पताल के संचालक उनकी पत्नी और मैनेजर से आमने सामने पूछताछ कर सकती है।

दरअसल मई में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भाई गोटेगांव से बीजेपी विधायक जालम सिंह पटेल ने भी नकली रेमडेसिविर का मामला उठाया था, उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज  सिंह को पत्र लिखकर अपनी आपबीती बयां की थी। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों से भी इंजेक्शन की कालाबाजारी और नकली दवा मिलने की शिकायतें आई थीं।