लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने दिया इस्तीफा, 2027 तक था कार्यकाल
अरुण गोयल का फिलहाल 2027 तक का कार्यकाल बचा हुआ था। हालांकि उससे करीब तीन साल पहले ही अज्ञात कारणों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का ऐलान होने से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाया है। गोयल ने अज्ञात कारणों से चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है।
शनिवार 9 मार्च को जारी गजट नोटिफिकेशन में गोयल के इस्तीफे के संबंध में जानकारी दी गई है।
निर्वाचन आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं। पहले से ही एक चुनाव आयुक्त का पद खाली है और अब अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार एकमात्र आयुक्त बचे हैं।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अगले सप्ताह होने वाली थी। ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्या गोयल के इस्तीफे से समय सीमा प्रभावित होती है या नहीं। गोयल के इस्तीफे के कारण कल होने वाली केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक भी टल गई है।
अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा CEC राजीव कुमार फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं। उन्होंने 21 नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उनका कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। लेकिन उन्होंने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गोयल ने किन कारणों से अथवा किन परिस्थितियों में इस्तीफा दिया, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
गोयल के इस्तीफे के बाद तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। क्या उन पर किसी का दबाव था? यदि था तो किस बात को लेकर था? क्या वे किसी चीज़ की अति से परेशान थे? क्या किसी काम को लेकर उनका ईमान गवाही नहीं दे रहा था? देश के लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसी क्या परिस्थिति उत्पन्न हुई जो एक चुनाव आयुक्त को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।