उज्जैन महाकाल की भोग प्रसादी बना रही नए रिकॉर्ड, नव वर्ष में 60 लाख रुपए से अधिक के लड्डू साथ ले गए भक्त
महाकाल उज्जैन में नए साल के पहले दिन 1 जनवरी और 31 दिसंबर को महाकाल मंदिर में दर्शन करने आए भक्त 60 लाख रुपए से अधिक की लड्डू प्रसादी साथ ले गए है।
उज्जैन। मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर को सभी जानते हैं। यह मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ज्योतिर्लिंग मतलब वह स्थान जहां भगवान शिव ने स्वयं स्थापित किए थे। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। पुराणों में शिव का नाम ‘रुद्र’ रूप में आया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ और आने वाले दान ने तो अब तक रिकॉर्ड बनाया ही है, लेकिन अब मंदिर में भक्तों को दिए जाने वाले भोग प्रसादी भी नए-नए रिकॉर्ड बना रही है।
नए साल के पहले दिन 1 जनवरी और 31 दिसंबर को महाकाल मंदिर में दर्शन करने आए भक्त 60 लाख रुपए से अधिक की लड्डू प्रसादी साथ ले गए है। इन दो दिन में 150 क्विंटल लड्डू प्रसादी की बिक्री। इस दौरान 11 लाख 50 हजार भक्त दर्शन के लिए महाकाल मंदिर पहुंचे थे।
महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताते है कि 31 जनवरी को 3 लाख 50 हजार और 1 जनवरी को 8 लाख 50 हजार भक्तों ने महाकाल मंदिर आकर दर्शन किए। 35 घंटे तक मंदिर के अलग- अलग लड्डू प्रसादी के काउंटर खुले रहे। इन दो दिन के लिए मंदिर समिति ने कुल 200 क्विंटल लड्डू प्रसादी बनवाई थी। आपने बताया कि प्रसाद के लिए अलग-अलग वजन के पैकेट तैयार किए जाते हैं। इनमें 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो का पैकेट तैयार किया जाता है। बता दे कि महाकालेश्वर मंदिर में समिति द्वारा श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद (शुद्ध घी और बेसन से निर्मित) का विक्रय किया जाता है। प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्डू बनता है। पर्व के दिन में अलग से बनाकर रख लिया जाता है।