पहले दिन ही फ्लॉप हुई इंदौर- भोपाल वंदे भारत ट्रेन, एक्जिक्यूटिव क्लास में 6 और कुल 47 यात्रियों ने किया सफ़र
530 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली वंदेभारत ट्रेन ने इंदौर से भोपाल का सफ़र लगभग ख़ाली ही तय किया... दस फ़ीसदी यात्री भी नहीं मिले.. जबकि भोपाल में प्रधानमंत्री ने ख़ुद बड़े तामझाम के साथ किया था रवाना
भोपाल। इंदौर से भोपाल को चली वंदे भारत ट्रेन पहले ही दिन फ्लॉप हो गई। इस ट्रेन को पहले दिन कुल 47 यात्री मिले, जबकि ट्रेन में 530 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। एक्जीक्यूटिव श्रेणी में सिर्फ छह यात्रियों ने भोपाल तक सफर किया। ट्रेन को कल यानी 27 जून को खुद प्रधानमंत्री मोदी ने राजधानी भोपाल के कमलापति रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
मध्य प्रदेश को भले ही वंदे भारत जैसी ट्रेनों की सौगात मिल गई हो मगर ट्रेन खुद यात्रियों के लिए तरसती दिखाई दे रही है, इसका मात्र एक कारण वंदे भारत का किराया ज्यादा होना बताया जा रहा है।
इसके शैड्यूल और यात्री किराये की वजह से पहले से ही कहा जा रहा था कि यह ट्रेन सुपर फ्लॉप होगी। पहले दिन का कलेक्शन कुछ इसी बात की गवाही दे रहा है। पहले दिन इस ट्रेन से इंदौर से भोपाल की यात्रा में सिर्फ 47 यात्री शामिल हुए। एक्जिक्यूटिव क्लास में तो सिर्फ छह यात्रियों ने सफर किया। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इंदौर-भोपाल के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस कुछ ही देर ज्यादा लेती है और सिर्फ 100 रुपये में सफर कराती है। वहीं, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में इंदौर से भोपाल का किराया 810 रुपये और भोपाल से वापसी का किराया 910 रुपये है।
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वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की क्षमता 530 यात्रियों की है। इसमें 47 यात्रियों ने ही पहले दिन सफर किया। एक्जिक्यूटिव श्रेणी के कोच में 52 में से सिर्फ छह पर ही यात्री बैठे दिखे। रेलवे को उम्मीद है कि धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। रेलवे से जुड़े जानकारों का मानना है कि ज्यादा किराया और कम स्टॉपेज के कारण इस ट्रेन में यात्रियों को बिठा पाना टेढ़ी खीर ही साबित होगा।
दरअसल, इंदौर-भोपाल के बीच चलनेवाली इंटरसिटी एक्सप्रेस सुबह 6:35 पर निकलती है। उसका किराया 100 रुपये है। वह उज्जैन के अलावा मक्सी, शुजालपुर, सीहोर व अन्य स्टेशनों पर भी स्टॉपेज लेती है। जबकि वंदे भारत ट्रेन सिर्फ उज्जैन में रुकेगी। कई यात्री सीहोर में भी उतरते हैं। यदि वंदे भारत ट्रेन के स्टॉपेज बढ़ाते हैं तो इस ट्रेन को ज्यादा यात्री मिल सकते हैं।
लेकिन मुसाफिर मांग कर रहे हैं कि किराया कम करना होगा। किराये को लेकर रेलवे के रतलाम मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर कहते है कि ट्रेन में कई अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, उसके हिसाब से किराया तय किया गया है। ट्रेन में ब्रेकफास्ट और डिनर भी मिलेगा। वह भी किराये में शामिल है।
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इंदौर और भोपाल के बीच 100 से ज्यादा बसें रोज़ चलती हैं। इनका किराया भी लगभग आधा है। एआईसीटीएसस की सुविधायुक्त एसी बसें साढ़े तीन घंटे में भोपाल पहुंचा देती हैं। वह भी 435 रुपये में। यानी इसका किराया भी वंदे भारत से कम है। यह बसें आधे-आधे घंटे के अंतर से उपलब्ध हैं। स्टॉपेज भी एक ही होता है, जहां नाश्ता किया जा सकता है। इसके अलावा इंदौर और भोपाल में इन बसों में बैठने के लिए कई साधन और पिकअप पॉइंट्स उपलब्ध हैं। साधारण बसों की बात करें तो हर दस मिनट में बसें चलती हैं। इतना ही नहीं, इंदौर-भोपाल के बीच चलने वाली टैक्सी भी यात्रियों के बीच खासी लोकप्रिय है। तो रेलवे का वंदेभारत प्रयोजन इस रूट पर फिलहाल तो निष्फल ही दिखता है।