महाराज के कारण नाराज चल रहे प्रभात झा का कुशलक्षेम जानने पहुंचे वीडी शर्मा, कांग्रेस ने ली चुटकी

ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद BJP में हाशिए पर चल रहे हैं प्रभात झा, राज्यसभा की भी नहीं मिली टिकट, रविवार को मिलने पहुंचे वीडी शर्मा

Updated: Oct 31, 2021, 10:27 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी में काफी वर्चस्व रखने वाले प्रभात झा इन दिनों पार्टी के भीतर हाशिए पर चल रहे हैं। प्रभात झा का न केवल राज्यसभा सीट छीन गया है, बल्कि बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी की इस बेरुखी से झा की नाराजगी की खबरों के बीच आज प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उनसे मिलने पहुंचे।

एमपी बीजेपी अध्यक्ष ने खुद एक तस्वीर ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। वीडी शर्मा ने बताया है कि प्रभात झा का कुशलक्षेम जानने पहुंचे थे। दोनों नेताओं की यह मुलाकात बीजेपी नेताओं के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। उधर कांग्रेस को बैठे-बिठाए चुटकी लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस ने मुलाकात की इस तस्वीर का अर्थ बताया है।

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कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया, 'चित्र बोल रहा है- "पूरी ज़िंदगी मैंने श्रीमंत से लड़ाई लड़ी और अब उनके भाजपा में आने के बाद मुझे पार्टी पूछ ही नही रही है,पूरे चुनाव में नही पूछा और अब चुनाव समाप्त होने के बाद आज आ गये… मेरी वरिष्ठता व निष्ठा का कोई सम्मान नही ,आज बिकाऊओ को महत्व व टिकाऊओं को कोई सम्मान नही“ 

बता दें कि महाराज के चलते नाराज होने वाले बीजेपी नेताओं में प्रभात झा सबसे बड़ा नाम है। दरअसल, प्रभात झा अपने राजनीतिक जीवन में ज्योतिरादित्य सिंधिया का विरोध करते रहे। लेकिन जब सिंधिया ने पाला बदला को हाईकमान ने सरकार बनाने के बाद प्रभात झा को ही दरकिनार कर दिया। हालिया राज्यसभा चुनाव में उनके जगह दूसरे राज्य के व्यक्ति को खड़ा कर दिल्ली भेजा गया। उपचुनावों में भी उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिली और हद तो तब हो गई जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी उन्हें बाहर कर दिया गया।

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कांग्रेस प्रदेश बीजेपी को तीन गुट में बांटकर देखती है। इनमें एक महाराज भाजपा (सिंधिया समर्थकों का गुट), एक नाराज भाजपा (उपेक्षित नेताओं का गुट) और एक शिवराज भाजपा (सीएम के विश्वस्त नेताओं का गुट)। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यदि गुटबाजी के आधार पर बीजेपी का वर्गीकरण किया जाए तो नाराज भाजपा के अध्यक्ष पद के प्रमुख दावेदार प्रभात झा ही हैं। हालांकि, शिवराज भाजपा अब महाराजा भाजपा और नाराज भाजपा के बीच समन्वय स्थापित करने में जुट गई है।