पेड़ पर चढ़े, हाथ जोड़े फिर भी न पिघलीं यशोधरा, दक्षता के मसले पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से हुई तूू-तू मैं-मैं

यशोधरा ने प्रद्युम्न सिंह तोमर को बीच बैठक में सुनाई खरी खोटी, प्रद्युम्न सिंह के प्रेजेंटेशन देते समय यशोधरा ने टोका, कहा मेरी तरफ देखकर तेज आवाज में क्यों बोल रहे हो?

Updated: Jun 30, 2021, 04:46 AM IST

Photo Courtesy: The Economic Times
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भोपाल। मंगलवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक में दो मंत्री आपस में ही उलझ गए। खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बीच तूू-तू मैंं-मैं हो गई। यशोधरा राजे सिंधिया ने बैठक के दौरान प्रद्युक्म तोमर सिंह से कहा कि मेरी देखकर तेज आवाज में क्यों बोल रहे हो? दोनों मंत्रियों के बीच विवाद बढ़ता इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीच बचाव करते हुए विवाद को बढ़ने से रोक लिया। 

दरअसल कैबिनेट बैठक में प्रद्युम्न सिंह तोमर बिजली विभाग को लेकर प्रेजेंटेशन दे रहे थे। तोमर के प्रेजेंटेशन के दौरान यशोधरा राजे सिंधिया बारंबार टोक रही थीं। इसी बीच प्रद्युम्न सिंह तोमर विभाग के बारे में बताते हुए तेज आवाज में बोलने लगे, तोमर ने कहा कि विभाग में जो भी सुधार हुआ है वह आपको भेज देता हूं, लेकिन आप शांत रहें। इस दौरान यशोधरा राजे सिंधिया की तरफ ही देख रहे थे।

प्रद्युम्न सिंह तोमर की आवाज़ यशोधरा को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने बीच बैठक में प्रद्युम्न सिंह तोमर से कहा कि मेरी तरफ देखकर तेज़ आवाज़ में क्यों बोल रहे हो? मुख्यमंत्री मौजूद हैं, उन्हें देखकर प्रेजेंटेशन दो। सिर्फ बिजली के खंभे पर चढ़ने से विभाग नहीं चलता। 

यशोधरा ने इतना कहा ही था कि प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जवाब दिया, आप मुझे हमेशा टोकती हो। इतना कहते हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर की आखों में आंसू आ गए। यह सब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देख रहे थे। मुख्यमंत्री ने विवाद बढ़ने की आशंका के कारण बीच बचाव किया। सीएम ने बीच बचाव करते हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर से कहा कि आप अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाओ। 

बैठक में इसके बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किसानों को मिलने वाली 21 हजार की सब्सिडी को कम करने का प्रस्ताव रखा। इस पर बैठक में मौजूद मंत्री आपस में बहस करने लगे। कृषि मंत्री कमल पटेल सब्सिडी को कम करने के पक्ष में नहीं थे। वहीं सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि किसानों को तमाम स्कीम के तहत 93 फीसदी की सब्सिडी है। उन्हें केवल सात फीसदी पैसा ही देना पड़ता है। हालांकि मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव को यह कहकर लौटा दिया कि इससे बिजली का नुकसान कैस कम होगा। सीएम ने इसमें सुधार और उपायों को भी शामिल करने के लिए कहा।