8 राज्य, 42 जिले और 2,800 KM का पैदल सफर, भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के आज 100 दिन पूरे हो गए। 100 दिन में भारत यात्रियों ने 8 राज्य, 42 जिले और 2800 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया है।

Updated: Dec 16, 2022, 04:21 AM IST

जयपुर। कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के आज 100 दिन पूरे हो गए। 100 दिन में भारत यात्रियों ने 8 राज्य, 42 जिले और 2800 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया है। इस दौरान यह पदयात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हो कर गुजरी और अब राजस्थान है। आज जोड़ो यात्रा की शुरुआत राजस्थान के दौसा के मीणा उच्च न्यायालय से हुई।

राहुल गांधी जब 7 सितंबर को कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर पैदल निकले तो इस यात्रा को लेकर लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएं थीं। 3570 किलोमीटर का कठिन सफर, मौसम का उतार-चढ़ाव, कैसे चलेंगे? साथ में और कौन आएगा? क्या यात्रा पूरी हो पाएगा? दरअसल, हिन्दुस्तान के उत्तर और दक्षिण सिरे को जोड़ने वाली ये दूरी ही इतनी विशाल थी कि लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे थे। लेकिन आज 16 दिसंबर को राहुल गांधी के दृढ़ निश्चय के कारण ही पदयात्रा 100 दिन पूरे कर चुकी है। और इस 100 दिन की 'कमाई' ने कांग्रेस कैडर में उत्साह का एक अभूतपूर्व संचार कर दिया है। 

यात्रा में राहुल गांधी को जो जनसमर्थन और लोगों का प्यार मिला यह किसी और राजनेता के लिए पिछले कुछ वर्षों में नहीं देखा गया। 100 दिन, 8 राज्य और 42 जिले, भारत जोड़ो यात्रा का ये आंकड़ा किसी आसान सफर की कहानी नहीं है। कन्याकुमारी से निकला राहुल का कारवां लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस कारवां में लेखक, एक्टर, इकोनॉमिस्ट, सोशल साइंटिस्ट, एक्टिविस्ट सभी जुड़ रहे हैं। इस यात्रा में जुड़ रहे लोगों का कैनवस इतना बड़ा है कि राहुल गांधी की छवि जो गढ़ी गई थी वह टूट गया है। राहुल मुद्दों को समझने वाले गंभीर नेता के तौर पर उभरे हैं। उनमें अपने देश के लोगों के लिए जो निश्चल प्रेम और करुणा है वह किसी और नेता में नहीं दिखती।

यह यात्रा भारत की एकता, सांस्कृतिक विविधता और भारत वासियों के अविश्वसनीय धैर्य का उत्सव है। यात्रा के सौ दिन पूरे होने के मौके पर राहुल गांधी जयपुर में प्रेस कॉन्फ़्रेंस करेंगे और उसी दिन शाम को जयपुर के अल्बर्ट हॉल में 'भारत जोड़ो कॉन्सर्ट' का भी आयोजन होगा। इस अवसर पर गायिका सुनिधि चौहान परफॉर्म होंगी। हिमाचल प्रदेश के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने सभी विधायकों के साथ जयपुर में 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होंगे।

यात्रा के उद्देश्य को लेकर कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा' 'चुनाव जीतो' या 'चुनाव जिताओ यात्रा' नहीं है। यात्रा का एक उद्देश्य यह ज़रूर था कि कांग्रेस संगठन को मज़बूत किया जाए, उसे संजीवनी दी जाए। मोदी सरकार की नीयत और नीतियों के कारण आर्थिक विषमता बढ़ रही है, सामाजिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है और राजनीतिक तानाशाही एक हक़ीक़त हो गई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असल मक़सद इन मुद्दों पर भारत की जनता से संवाद करना है और इसके ख़िलाफ़ एक नैरेटिव तैयार करना है।

सियासी जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी एक राजनेता हैं और कांग्रेस एक राजनीतिक दल है, ऐसे में इस यात्रा को राजनीति से अलग करके आप नहीं देख सकते हैं।यात्रा के दौरान लाखों लोग राहुल गांधी से जुड़ते हुए साफ़ दिख रहे हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर इससे क्या हासिल हुआ, फ़िलहाल यह कहना जल्दीबाजी होगी। महंगाई और बेरोज़गारी आम जनता के बीच एक बड़ा मुद्दा है और अगर राहुल गांधी इस पर लगातार अपनी आवाज़ उठाते रहे तो 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस को इसका राजनीतिक लाभ मिलना स्वभाविक है।

इस यात्रा की जो तस्वीरें निकल कर आ रही हैं वो बहुत हद तक एक बदलाव का संदेश दे रही हैं। मेनस्ट्रीम मीडिया में कवरेज कम होने के कारण कांग्रेस इस यात्रा के प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर है। लेकिन भारतीय मीडिया जिस तरह से राहुल गांधी की यात्रा को ना के बराबर कवर कर रही है उसे लोगों में गुस्सा जरूर है। आजाद भारत के इतिहास में इसे मीडिया का सबसे बुरा दौर कहा जा रहा है।