AIIMS में रामलीला के मंचन पर बवाल, राम-कैकई के डायलॉग से भावनाएं आहत, छात्रों ने मांगी माफी

दिल्ली स्थित ऐम्स हुआ रामलीला के नाम पर कॉमेडी शो, राम समेत सभी पात्रों के डायलॉग थे आपत्तिजनक, दारू-चखने से लेकर सॉरी डार्लिंग तक का इस्तेमाल, छात्रों की गिरफ्तारी की मांग

Updated: Oct 18, 2021, 05:20 AM IST

नई दिल्ली। दशहरा खत्म होने के बाद अब ऐम्स के रामलीला मंचन को लेकर विवाद बढ़ गया है। रामलीला के नाम पर कॉमेडी शो बनाने को लेकर ऐम्स के छात्रों की गिरफ्तारी की मांग हो रही है। इसी बीच ऐम्स स्टूडेंट एसोसिएशन ने माफी मांगी है और कहा है कि किसी की भावनाएं आहत करना उनका मकसद नहीं था। उधर हिंदूवादी संगठन आरोपी छात्रों और आयोजकों की गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं।

दरअसल, राजधानी दिल्ली स्थित ऐम्स परिसर में बीते दिनों रामलीला का मंचन किया गया था। ऐम्स के छात्रों ने रामलीला को मजकिया बनाने के उद्देश्य से आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर दिया। राम, दशरथ, शूर्पणखा, कैकई व अन्य पात्रों के डायलॉग में दारू, चखना, ठरकी और सॉरी डार्लिंग जैसे शब्दों का उपयोग किया गया है। जिससे हिंदूवादी संगठनों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं। 

सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। कई हिंदू लोग भी ऐसे हैं जो इसे मजाक के तौर पर देख रहे हैं और उनका मानना है कि ये महज एक हास्य की दृष्टि से कार्यक्रम किया गया है और इसमें कुछ भी बुराई नहीं है। लेकिन अधिकांश लोग इसे धर्म से जोड़कर भगवान राम और रामायण का अपमान बता रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि जानबूझकर हिंदुत्व पर हमला किया जा रहा है और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम को लेकर मुस्लिम एंगल भी फैलाया जा है। दावा किया जा रहा है इस रामलीला का मंचन शोएब आफताब नाम के छात्र द्वारा किया गया था। आरोप है कि शोएब ने जान-बूझकर हिन्दू धर्म की आस्था का मजाक उड़ाया है। बताया जा रहा है कि शोएब नीट टॉपर रह चुका है। बीजेपी से जुड़े वकीलों ने इस रामलीला मंचन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

ट्विटर पर भी ऐम्स के आरोपियों को गिरफ्तार करने से संबंधित हैशटैग टॉप ट्रेंडिंग हैं। इसी बीच रविवार को ऐम्स स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से इस घटना पर प्रतिक्रिया सामने आई है। ऐम्स स्टूडेंट यूनियन ने कहा है कि छात्रों की ओर से हम इस नाटक के संचालन के लिए क्षमा चाहते हैं। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐम्स परिसर में इस तरह की कोई गतिविधि न हो।