बापू की जगह नोट पर अनुपम खेर की तस्वीर, गुजरात में ठगों ने व्यापारी को लगाया डेढ़ करोड़ का चूना

हैरानी की बात यह है कि नकली नोटों पर महात्मा गांधी के बदले फिल्म अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर छपी थी और RBI यानी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह 'RESOLE BANK OF INDIA' लिखा हुआ था।

Updated: Sep 30, 2024, 07:08 PM IST

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद से ठगी और धोखाधड़ी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां सोने-चांदी के व्यापारी के साथ बड़ी धोखाधड़ी हो गई। शातिर जालसाजों ने उन्हों 1.30 करोड़ रुपये के नकली नोट देकर 2 किलो से ज्यादा सोना ठग लिया और रफूचक्कर हो गए। करोड़ों का सोना खरीदने के लिए आरोपियों ने पूरी फर्जी अंगड़िया फर्म बनाई थी।

पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक, सोने-चांदी के बिजनेसमैन मेहुल ठक्कर के पास 23 सितंबर को परिचित लक्ष्मी ज्वैलर्स के मैनेजर का कॉल आया था। उसने पूछा था कि 2 किलो 100 ग्राम सोना खरीदना है, उसका दाम क्या है? मेहुल पिछले 15 से ज्यादा साल से लक्ष्मी ज्वेलर्स के साथ धंधा कर रहे हैं, तो उन्होंने भरोसे के साथ 1.60 करोड़ रुपये में सौदा तय कर दिया और दूसरे दिन सोना भिजवाने का वादा कर दिया।

दूसरे दिन यानी 24 सितंबर को लक्ष्मी ज्वैलर्स के मैनेजर ने मेहुल को फोन करके कहा, एक पार्टी को तुरंत सोना चाहिए और RTGS नहीं चल रहा, इसलिए वह सोने के एवज में सिक्योरिटी अमाउंट देंगे और उसके बाद दूसरे दिन RTGS से रुपये भेज देंगे। साथ ही यह भी कहा कि गोल्ड खरीदने वाले सीजी रोड पर एक आंगड़िया फर्म में होंगे और वहीं पर लेनदेन करेंगे।

व्यापारी मेहुल ने तुरंत अपने स्टाफ से एक आदमी को 2 किलो 100 ग्राम सोना लेके सीजी रोड पर भेजा। मौके पर तीन लोग मौजूद थे, जिसमें से एक के पास नगदी गिनने की मशीन भी थी। दूसरा शख्स सरदार जी के गेटअप में था और तीसरा शख्स फर्म के बाहर बैठा था। सोना खरीदने वाले दोनों आदमियों ने 1.30 करोड़ रुपये के नोट सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर रखे और कहा कि आप सोना दीजिए। उसके बाद बाकी के 30 लाख दूसरे ऑफिस से लाकर देंगे। मेहुल के स्टाफ ने सोना देने के बाद जब नोट देखे तो वह नकली थे।

हैरानी की बात यह है कि नोटों पर महात्मा गांधी के बदले फिल्म अभिनेता अनुपम खेर की तस्वीर छपी थी और RBI यानी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह 'RESOLE BANK OF INDIA' लिखा हुआ था। सूचना लगते ही तुरंत ही व्यापारी मेहुल मौके पर पहुंचे और आसपास के दुकानदारों से पूछताछ की तो पता चला कि यहां अंगड़िया फर्म थी ही नहीं। दो दिन पहले ही किसी ने इसको शुरू किया था।

वहीं, जिस व्यक्ति ने लक्ष्मी ज्वेलर्स का मैनेजर बनकर संपर्क किया था, उसको कॉल किया गया तो फोन बंद मिला। इसके बाद ठगी का अहसास होते ही व्यापारी मेहुल ठक्कर ने नवरंगपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। हैरानी की बात यह है कि जो आदमी नोट गिनने का मशीन लेकर खड़ा था, वह भी इस मशीन की डिलीवरी करने आया था और उन दोनों ठगों को नहीं जानता था। जिसके आधार पर पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी की छानबीन शुरू करके आरोपियों को खोजने के लिए एक टीम बनाई है।