Amit Shah Defends Arnab: अर्णब के बचाव में आगे आए अमित शाह, गिरफ्तारी के विरोध का किया एलान

Arnab Goswami Arrested: स्मृति ईरानी और प्रकाश जावडेकर भी अर्णब के समर्थन में सामने आए , शिवसेना ने अर्णब के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा, महाराष्ट्र में कानून का राज

Updated: Nov 04, 2020, 10:58 PM IST

मुंबई। आत्महत्या के लिए मजबूर करने के एक मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी से मोदी सरकार के कई मंत्री भड़क उठे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस गिरफ्तारी को महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला और आपातकाल के दिनों की याद कराने वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि इस गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रकाश जावडेकर भी प्रेस की स्वतंत्रता की दुहाई देते हुए अर्णब के बचाव में कूद पड़े हैं। वहीं शिवसेना ने पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में कानून का राज है।

अमित शाह ने ट्विटर के जरिए अपनी नाराज़गी का इज़हार करते हुए कहा है, 'कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की शक्तियों का प्रयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। इससे हमें इमरजेंसी के दिनों की याद आती है। आजाद प्रेस पर इस हमले का विरोध होना चाहिए और होगा।' 

 

इसके पहले केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्विटर पर लिखा, 'हम महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हुए इस हमले की आलोचना करते हैं। प्रेस का साथ बर्ताव करने का यह कोई तरीका नहीं है। इससे हमें इमरजेंसी के दिनों की याद आ रही है, जब प्रेस से ऐसा बर्ताव किया जाता था। सोनिया गांधी और राहुल गाँधी के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मनस्तिथि में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।'

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि यदि आज आप चुप रहे हैं तो आपके लिए कौन आवाज उठाएगा। उन्होंने कहा, 'स्वतंत्र प्रेस में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े हैं, वे फासीवाद के समर्थन में हैं। आप उसे पसंद नहीं कर सकते हैं, आप उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं, आप उसके अस्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं, लेकिन अगर आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं। यदि अगली बार यह आपके साथ हुआ तो कौन आवाज उठाएगा।'

 

महाराष्ट्र में कानून का राज 

शिवसेना ने अर्नब की गिरफ्तारी की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में कानून का राज है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'महाराष्ट्र में कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं होती है। महाराष्ट्र में कानून का राज है। मुंबई पुलिस को जांच के दौरान कोई सबूत हाथ लगा होगा। अर्नब के चैनल ने हम सबके खिलाफ जिस प्रकार का बदनामी का कैंपेन चलाया था, झूठे इल्जाम लगाए थे। हम तो ये कहते हैं कि कोई झूठे इल्जाम लगाता है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए।'

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क्यों हुई अर्नब की गिरफ्तारी

अर्नब की गिरफ्तारी दो साल पहले हुई दो आत्महत्याओं के मामले में की गई है। साल 2018 में 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक और उनकी मां कुमुद नाईक ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था, जो कथित रूप से अन्वय ने लिखा था। इस सुसाइड नोट में लिखा था कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उनके 5 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया, जिस वजह से आर्थिक तंगी का सामना करते हुए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ रहा है। रिपब्लिक टीवी का दावा है कि ये आरोप गलत हैं।  

बता दें कि अर्नब और उनके न्यूज चैनल पर बीते कुछ समय के दौरान टीआरपी में घोटाला करने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं। अर्नब और उनके चैनल पर लोगों को पैसे देकर गलत तरीके से टीआरपी बढ़वाने के खेल में शामिल होने का भी आरोप है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के केस को लेकर भी चैनल के खिलाफ मामले दर्ज हैं।