Arnab Goswami: अर्णब गोस्वामी को है जान का खतरा, मुंबई पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

अर्नब गोस्वामी को जेल में फ़ोन और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के आरोप में तलोजा सेंट्रल जेल शिफ़्ट किया गया, उनपर दो साल पहले इंटीरियर डिज़ाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने का है आरोप

Updated: Nov 09, 2020, 02:01 AM IST

Photo Courtesy: UP Varta News
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मुंबई। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को नवी मुंबई की तलोजा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। अर्णब गोस्वामी पर आरोप है कि वो अलीबाग के क्वारंटीन सेंटर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे और सोशल मीडिया पर एक्टिव थे। इसलिए उन्हें अलीबाग के न्यायिक हिरासत से निकालकर नवी मुंबई के तलोजा जेल में शिफ्ट किया गया है। लेकिन इस शिफ्टिंग के दौरान अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। उन्होंने जेल में अपनी जान को खतरा बताया है। 

खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में अरेस्‍ट किए गए रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्‍वामी ने मुंबई पुलिस पर कई गंभीर आरोप गए हैं। जब अर्नब को तलोजा सेंट्रल में स्थानांतरित किया जा रहा था तो उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, ‘मेरा जीवन खतरे में है, मेरा जीवन खतरे में है। मुझे अपने वकील से बात भी नहीं करने दी जा रही है। मैंने कई बार उनसे निवेदन किया कि मुझे बात करने दी जाए, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया।’ अर्नब ने कहा कि मेरी पुलिस कस्टडी भी खारिज कर दी गई है। ये मुझे रात में ही शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे थे और आज सुबह मुझे घसीटकर लाया गया। मुझे धक्का दिया गया और जेलर ने मेरे साथ मारपीट की है। तलोजा जेल ले जाते वक्त वैन में अर्नब गोस्वामी ने चिल्लाते हुए मांग उठाई है कि इस मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे।

4 नवंबर को गिरफ्तार किए गए अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई थी, मगर  जमानत नहीं मिली। अर्नब गोस्वामी को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में चार दिन पहले गिरफ्तार किया था। यह मामला करीब दो साल पुराना है। अन्वय ने अपने सुसाइड नोट में अर्नब और अन्य दो लोगों को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया था।