ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी को CBI का नोटिस, अभिषेक ने कहा, हम ऐसे डरने वालों में नहीं

CBI ने टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी को पूछताछ के लिए नोटिस दिया, अभिषेक ने कहा, क़ानून पर पूरा भरोसा, लेकिन अगर वे इन तरीक़ों से हमें डराना चाहते हैं तो वे ग़लत सोच रहे हैं

Updated: Feb 21, 2021, 12:47 PM IST

Photo Courtesy : Telegraph
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के चुनावी मौसम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार पर सीबीआई मेहरबान होती नजर आ रही है। केंद्र सरकार की जांच एजेंसी आज ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के घर तक जा पहुंची। बताया जा रहा है कि सीबीआई की तीन सदस्यों की टीम ने अभिषेक के घर जाकर उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी के नाम नोटिस थमाया है। अभिषेक की पत्नी को सीबीआई ने कोयला तस्करी से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। 

खबरों के मुताबिक सीबीआई की टीम जब अभिषेक के घर पहुंची तब वह मौजूद नहीं थे। लेकिन बाद में उन्होंने ट्विटर पर अपनी पत्नी को सीबीआई की तरफ से नोटिस दिए जाने की पुष्टि की है। अभिषेक ने इसकी जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा है, "आज दोपहर 2 बजे सीबीआई ने मेरी पत्नी के नाम एक नोटिस दिया है। हमें देश के कानून पर पूरा भरोसा है। लेकिन अगर वे सोचते हैं कि इन हथकंडों से वे हमें डरा सकते हैं, तो वे गलत सोच रहे हैं। हम उनमें से नहीं हैं, जिन्हें डराकर झुकने को मजबूर किया जा सकता है।" इसके साथ ही अभिषेक ने ट्विटर पर सीबीआई की तरफ से मिला नोटिस भी शेयर कर दिया है। 

 

ध्यान देने की बात यह है कि सीबीआई का जो नोटिस अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर शेयर किया है, उसमें उनकी पत्नी को आज ही दोपहर 3 बजे पूछताछ के लिए तैयार रहने को कहा गया है। जबकि अभिषेक ने बताया है कि यह नोटिस दोपहर 2 बजे दिया ही गया है। नोटिस जारी करने की तारीख भी आज की ही है। यानी जिस दिन नोटिस जारी किया गया, उसी दिन पूछताछ के लिए कहा गया और वो भी नोटिस पहुंचाने के महज एक घंटे के भीतर।

मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक अभिषेक बनर्जी की पत्नी से पूछताछ के बाद खुद अभिषेक को भी जल्द ही समन दिया जा सकता है। सीबीआई ने कुछ दिन पहले ही कोयला तस्करी के मामले में युवा तृणमूल कांग्रेस के नेता विनय मिश्रा, व्यवसायी अमित सिंह और नीरज सिंह के घरों पर भी छापेमारी की थी। 

वैसे तो किसी भी जांच एजेंसी का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। लेकिन ऐसी आदर्श स्थिति धरातल पर नज़र नहीं आती है। यही वजह है कि एक बार देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट भी सीबीआई को केंद्र सरकार का पिंजरे में बंद तोता बता चुकी है। जाहिर है, इन हालात में जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों को भी अक्सर सियासत से जोड़कर देखा जाता है। 

बहरहाल, सीबीआई की कई टीमों ने शुक्रवार को भी पश्चिम बंगाल के 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इसमें कोयला घोटाला की जांच में शामिल जयदेव मंडल और लंबे समय से फरार चल रहे अनूप मांझी का ठिकाना भी शामिल था। इस दौरान सीबीआई ने कोलकाता, पुरुलिया, पश्चिम बर्धमान और बांकुरा में तलाशी अभियान चलाया था। 

एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में माझी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें ईसीएल के कुछ कर्मचारी और केंद्र सरकार के कुछ अन्य कार्यालय शामिल थे। यह आरोप लगाया गया था कि कुन्जोरिया और कजोरा इलाकों में ईसीएल की लीजहोल्ड खदानों से कोयले की चोरी में मांझी शामिल रहा है।