बिग बास्केट के 2 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों का डेटा चोरी, डार्क वेब पर बिक रही जानकारी

Big Basket: अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल ने किया खुलासा, बिग बास्केट के प्लेटफॉर्म पर मौजूद ग्राहकों की तमाम जानकारियां डार्कवेब पर 40 हज़ार डॉलर में बेची जा रही हैं

Updated: Nov 09, 2020, 03:27 PM IST

Photo Courtesy: Business Standard
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देश के सबसे बड़े ऑनलाइल ग्रॉसरी स्टोर्स में शामिल बिग बास्केट के दो करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों का डेटा चोरी किए जाने की ख़बर है। अंग्रेज़ी अख़बार बिज़नेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक़ अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी इंटेलिजेंस कंपनी साइबल ने बताया है कि बिग बास्केट पर ख़रीदारी करने वाले दो करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों के डेटा को साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। अमेरिकी कंपनी के मुताबिक़ साइबर अपराधी ग्राहकों के इस बेहद संवेदनशील डेटा को डार्क वेब पर 40 हज़ार डॉलर में बेच रहे हैं।

साइबल ने बताया है कि ग्राहकों के बेचे जा रहे डेटा में उनका पूरा नाम, पता, ईमेल आईडी, पासवर्ड, पिन यानी पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर्स, मोबाइल फ़ोन नंबर, जन्म की तारीख़ से लेकर लॉगिन के आईपीए ऐड्रेस तक तमाम जानकारियां मौजूद हैं। ख़तरे की बात ये है कि इन जानकारियों का इस्तेमाल करके इन ग्राहकों के साथ साइबर अपराधी कई तरह के फ़्रॉड कर सकते हैं।

बिग बास्केट ने इस बारे में बेंगलूरु पुलिस की साइबर क्राइम सेल के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई है। साथ ही कंपनी साइबर सिक्योरिटी फर्म्स के साथ मिलकर ये पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि उसके डेटाबेस में इस साइबर हमले की पहुंच कहां-कहां तक हुई है। कंपनी ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ग्राहकों की प्राइवेसी और उनकी गोपनीयता कंपनी की प्राथमिकता है। कंपनी ने यह भी साफ़ किया है कि उसके डेटाबेस में ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड नंबर या कोई अन्य फ़ाइनेंशियल डेटा स्टोर नहीं किए जाते हैं, लिहाज़ा ऐसी जानकारियों के सुरक्षित होने की उम्मीद है।

अमेरिकी डेटा सिक्योरिटी फ़र्म साइबल के मुताबिक़ बिग बास्केट के डेटा बेस में चोरी की ये वारदात 14 अक्टूबर को हुई थी और कंपनी के मैनेजमेंट को इसकी जानकारी 1 नवंबर को दी गई थी। साइबर अटैक की इस घटना ने एक बार फिर से साबित किया है कि ऑनलाइन ख़रीद-फरोख्त और लेनदेन की वजह से जहां लोगों का काम आसान होता हैं, वहीं इस तरह के ख़तरे भी उठाने पड़ सकते हैं।