नीतीश की गुगली में फंसी BJP, बिहार में टूटा गठबंधन, लालू की बेटी बोली- आ रहे हैं लालटेनधारी

बिहार में 5 साल बाद फिर से नीतीश कुमार की पार्टी JDU और BJP के बीच गठबंधन टूट गया है। मुख्यमंत्री आवास पर JDU के सांसदों और विधायकों की मीटिंग में इसकी घोषणा की गई है।

Updated: Aug 09, 2022, 09:21 AM IST

पटना। बिहार की राजनीति ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गई है। राज्य में 5 साल बाद एक बार फिर से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी के बीच गठबंधन टूट गया है। मुख्यमंत्री आवास पर JDU के सांसदों और विधायकों की मीटिंग में इसकी घोषणा की गई है। सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मिलने का समय मांगा है। इसी बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव कि बेटी रोहिणी आचार्य ने लिखा कि, 'राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं लालटेनधारी।'

दरअसल, राजनीति के माहिर खिलाड़ी नीतीश कुमार की गुगली में इस बार बीजेपी बुरी तरह फंस गई। सीएम नीतीश पर बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार निशाना साधा जा रहा था। नीतीश कुमार इससे बेहद खफा थे। उनकी खीझ कई बार खुलकर सामने भी आई। लेकिन सीएम नीतीश के गुस्से को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने हल्के में लिया। जब बिहार में गठबंधन टूटने की बात मीडिया में सामने आई तो गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा उन्हें मनाने में जुट गए। हालांकि, नीतीश कुमार ने फैसला ले लिया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अब से थोड़ी देर में जदयू नेताओं के साथ मुख्यमंत्री राजभवन जाएंगे। तेजस्वी भी उनके साथ होंगे। राजभवन के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। इधर, राजद, कांग्रेस और वामदलों ने नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए पत्र तैयार कर लिया है। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। सब कुछ तय हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के गठन से पहले तेजस्वी यादव ने गृह मंत्रालय की मांग की है। गृह मंत्रालय अभी तक नीतीश के पास है। पिछली सरकार में तेजस्वी के पास पथ निर्माण विभाग था। बताया जा रहा है कि डिप्टी सीएम के साथ गृहमंत्रालय का विभाग देने के लिए जेडीयू सहमत है। इस पूरे प्रकरण को लेकर जेडीयू प्रवक्ता नीरज सिंह ने कहा है कि हमारे नेता के खिलाफ साजिश की गई है। उनका कद छोटा करने का प्रयास किया गया। जल्द ही सबकुछ बताएंगे।

बताया जा रहा है कि नीतीश कैबिनेट में शामिल भाजपा कोटे के मंत्रियों को बर्खास्त किया जा सकता है। राज्यपाल को मुख्यमंत्री इस संदर्भ में पत्र सौंप सकते हैं। नीतीश कैबिनेट में वर्तमान में भाजपा कोटे के 16 मंत्री है, जिनमें 2 डिप्टी सीएम भी शामिल हैं। गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार अब फ्लोर टेस्ट कराने की भी तैयारी में है। नीतीश को पूरे विपक्ष का समर्थन हासिल है। विपक्ष के 164 विधायक नीतीश कुमार के साथ हैं। मौजूदा विधानसभा में जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, हम के चार और लेफ्ट के 18 सदस्य हैं।