BJP MP Fake Degree: निशिकांत दुबे की एमबीए डिग्री फर्जी

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की दिल्ली विश्विद्यालय से तथाकथित प्राप्त एमबीए की डिग्री को बताया जा रहा है फर्जी

Updated: Jul 30, 2020, 07:41 AM IST

photo courtesy : jagran
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रांची। गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की दिल्ली विश्विद्यालय से तथाकथित प्राप्त एमबीए की डिग्री को फर्जी बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के सीआईडी पुलिस अधिकारी राजेश कुमार के नाम लिखा एक पत्र वायरल हो रहा है। जिसमें बीजेपी सांसद की डिग्री फर्जी बताई जा रही है। हालांकि इस पत्र की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

क्या है पत्र में ? 
दिल्ली विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट विभाग के डीन ने राकेश कुमार को पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार 1993 में निशिकांत दुबे नाम का कोई भी व्यक्ति पास आउट नहीं हुआ है। इसी दौरान इस नाम के किसी भी व्यक्ति ने दाखिला नहीं लिया है। इसके साथ ही मैनेजमेंट विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि जनवरी 2016 में इसी मामले में एक दाखिल आरटीआई को जवाब दिया जा चुका है। 

दिल्ली विश्वविद्यालय ने सीआईडी को पत्र क्यों लिखा है ? 
सोशल मीडिया पर वायरल पत्र को अगर सही माना जाए तो दिल्ली विश्वविद्यालय ने सीआईडी को यह पत्र उस जांच के संबंध में लिखा है जिसके लिए सीआईडी की तीन सदस्य टीम को निशिकांत दुबे की तथाकथित फर्जी डिग्री की सच्चाई पता लगाने के लिए भेजा गया था। 

दरअसल काफी समय से राज्य का सत्ता धारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा निशिकांत दुबे की डिग्री पर सवाल उठाता रहा है। झमुमो का कहना है कि गोड्डा सांसद खुद को पीएचडी डिग्री धारी बताते हैं जबकि हकीकत यह है कि उनकी दिल्ली विश्विद्यालय से तथाकथित प्राप्त एमबीए की डिग्री ही फर्जी है। हाल ही में निशिकांत दुबे की तथाकथित फर्जी डिग्री के खिलाफ राज्य के देवघर सदर थाना में विष्णुकांत झा नामक व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आरटीआई के जवाब की कॉपी भी संलग्न की गई है। यह वही आरटीआई की कॉपी है जिसका ज़िक्र तथाकथित पत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से किया गया है।

इस मामले में झामुमो ने राज्य निर्वाचन आयोग से निशिकांत दुबे द्वारा फर्जी डिग्री की जानकारी और जालसाज़ी का आरोप लगाते हुए सांसद की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। मामले को तुल पकड़ता देख मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीआईडी की तीन सदस्य टीम गठित की थी। जिसे इस पूरे मामले की जांच करने का ज़िम्मा सौंपा गया था। अब इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी तथाकथित पत्र वायरल हो रहा है, जिसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।