राम मंदिर घोटाला मामले में साक्षी महाराज का सुझाव, रसीद दिखाकर पैसा वापस ले जाएं दानदाता

बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि चंपत राय ने राम-मंदिर के लिए जीवन समर्पित कर दिया, ऐसे में उनपर आरोप लगाने के बजाए अपना रसीद दिखाकर चंदा वापस ले लें

Updated: Jun 17, 2021, 09:33 AM IST

Photo Courtesy: Outlook
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उन्नाव। राम मंदिर निर्माण के पैसों में हेरफेर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। देशभर में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय व अन्य लोगों का विरोध हो रहा है। इसी बीच बीजेपी सांसद साक्षी ने दानदाताओं से कहा है कि वे अपना पैसा वापस ले जाएं। साक्षी महाराज ने कहा है कि इसके लिए पहले उन्हें अपना रसीद दिखाना होगा।

उन्नाव से बीजेपी सांसद ने कहा कि, 'अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में राम भक्तों का धन लग रहा है, उस पर सवाल उठाने वालों का नहीं। मंदिर निर्माण के लिए जमीन के खरीद पर सवाल पर उठाने वालों से मेरा अनुरोध है कि अगर उन्होंने चंदा दिया है तो वे रसीद दिखाकर अपना पैसा वापस ले सकते हैं। सवाल उठाने वालों ने अगर मंदिर ट्रस्ट को चंदा दिया हो तो वह अपनी रसीद दिखाकर मुझसे उतने पैसे वापस ले जाएं। अगर चंदा नहीं दिया है तो फिर उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है।' 

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साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'श्रीराम मंदिर के लिए जमीन खरीद पर सवाल खड़ा करने वाले वही लोग हैं, जिनके पुरखों ने कहा था कि वहां परिंदा पर नहीं मार पाएगा। वहां पर एक ईंट तक नहीं रखने देंगे और रामभक्तों पर गोली चलवाई थी। अब मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के बाद फिर से उनके पेट में दर्द होने लगा। अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है, यह बात उन्हें हजम नहीं हो रही है।'

साक्षी महाराज ने दावा किया है कि राम मंदिर ट्रस्ट पर घोटाले के आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा, 'राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय ने प्रभु श्रीराम राम के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। ऐसे व्यक्ति पर लगे आरोप निराधार है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के पास आरोप लगाने के अलावा और कुछ काम नहीं बचा है।'

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दरअसल, राम मंदिर से जुड़े जमीन खरीद के रजिस्ट्री से पता चला है कि जो जमीन 2 करोड़ में बिकी थी उसे ही पांच मिनट के बाद 18 करोड़ 50 लाख रुपए में खरीदा गया। हैरानी की बात यह है कि एक ही दिन हुए इन दोनों डील में गवाह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य थे। मामला तूल पकड़ने के बाद एक के बाद एक खुलासे होने शुरू हो गए हैं। नए खुलासे के मुताबिक जिस दिन ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ की डील की थी उसी दिन ट्रस्ट ने ज़मीन का एक अन्य टुकड़ा आठ करोड़ रुपए में खरीदा था। 

इस पूरे मामले में ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की मंशा सवालों के घेरे में आ गई है। ट्रस्ट के सदस्य कमलनयन दास खुद भी चंपत राय पर मनमाने ढंग से कोई भी फैसला लेने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी राम मंदिर के लिए एकत्रित किए गए चंदे का कच्चा चिट्ठा देश की जनता के सामने रखे जाने की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने भी राम मंदिर ज़मीन घोटाले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।