Rajasthan: विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी बीजेपी

Rajasthan Political Crisis: बीजेपी विधायक दल की बैठक में फैसला, शाम पांच बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक, सचिन पायलट को आमंत्रण

Updated: Aug 14, 2020, 08:04 AM IST

जयपुर। राजस्थान में सियासी सरगर्मी के बीच बीजेपी 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। यह फैसला जयपुर में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में लिया गया।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पिछले एक महीने से बाड़े में बंद अशोक गहलोत सरकार जनता की अनदेखी कर रही है और यह सरकार विरोधाभास की सरकार है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर विधायकों के हस्ताक्षर कराए। इस बैठक में राज्य की पूर्व मुख्यंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मुरलीधर राव के साथ भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के विधायक भी शामिल थे।  

कटारिया ने कहा, "हम कल से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। कांग्रेस अपने घर में टांका लगाकर कपड़े जोड़ना चाह रही है लेकिन ये कपड़ा फट चुका है। यह सरकार जल्द ही गिरेगी।"

हालांकि, इससे पहले बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव ना लाने की बात कही थी। पार्टी ने कहा था कि कांग्रेस अगर बहुमत परीक्षण करना चाहे तो करे, हम अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे। बीजेपी पर तब अशोक गहलोत लगातार उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगा रहे थे। 

बैठक के दौरान वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस जनता के नहीं बल्कि अपने हितों का ध्यान रख रही है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस सरकार ने कुछ काम नहीं किया है बस हमारी योजनाओं के नाम बदल दिए हैं।

भाजपा ऐसे समय में अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है जब उसकी खुद की पार्टी में फूट पड़ी हुई है। आज सुबह हुई विधायक दल में यह दिखा भी जब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और मुरलीधर राव के भाजपा मुख्यालय आगमन पर तो उन्हें लेने पहुंचे लेकिन ऐसा ही सत्कार भाव उन्होंने वसुंधरा राजे के पहुंचने पर नहीं दिखाया।

खबर यह भी थी कि दोनों केंद्रीय मंत्री प्रदेश के 12 भाजपा विधायकों पर नेतृत्व का फैसला ना मानने पर उनके ऊपर कार्रवाई करने वाले थे। हालांकि, अब अविश्वास प्रस्ताव के पास होने पर इस कार्रवाई की संभावनाएं बहुत कम हो गई हैं। राजस्थान में सियासी उठापटक के दौरान भाजपा के आधा दर्जन विधायक गुजरात चले गए थे, तभी से बीजेपी खेमे में फूट की खबरें आने लगी थीं।

मुख्यमंत्री आवास पर होगी कांग्रेस विधायक दल की बैठक 

उधर सचिन पायलट और बाकी के बागी विधायकों की घरवापसी ने गहलोत सरकार पर बना संकट लगभग खत्म कर दिया है। खबरें हैं कि शाम पांच बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिल सकते हैं। उन्हें शाम पांच बजे मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। इस बैठक में प्रमुख रूप से बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।

बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों का मामला भी राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले में अभी सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है और दोनों कोर्ट ने किसी तरह का आदेश भी पारित नहीं किया है। बसपा और बीजेपी के एक विधायक मदन दिलावर ने इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ याचिका डाली है और कोर्ट से मांग की है कि जब तक इस मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इन विधायकों के वोटिंग करने के अधिकार पर रोक लगाई जाए। हालांकि, इन छह विधायकों के वोटिंग ना कर पाने की स्थिति में भी अशोक गहलोत सरकार मजबूत स्थिति में दिख रही है क्योंकि बागी गहलोत कैंप में वापस आ गए हैं।

नंबर गेम की अगर बात करें तो बागियों के वापस लौट आने के बाद 200 सीट की विधानसभा में कांग्रेस के पास 120 विधायक हैं। कांग्रेस को ट्राइबल पार्टी और सीपीएम का समर्थन भी मिल सकता है। दोनों पार्टियों के विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में वोट डाला था। उधर बीजेपी के पास 72 और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के पास तीन विधायक हैं।