बसनिया बांध के शिलान्यास से आदिवासी आक्रोशित, विरोध में प्रभावितों ने 5 मार्च को बुलाई महापंचायत

पीएम मोदी द्वारा बांध के शिलान्यास के विरोध में आज प्रभावित गांव ओढारी में सैकड़ों महिला एवं पुरूषों ने नर्मदा नदी में संकल्प लिया कि हम अपनी जल-जंगल और अपनी धरती दाई को डूबने नहीं देंगे।

Updated: Feb 29, 2024, 06:06 PM IST

मंडला। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत, विकसित मध्यप्रदेश के अन्तर्गत 19961 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का आधारशिला रखेंगे। इसमें नर्मदा नदी पर प्रस्तावित 5500 करोड़ रुपये की बसनिया, राघवपुर और अपर नर्मदा बांध सिंचाई परियोजना भी शामिल है। बांधों के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर मंडला और डिंडोरी के आदिवासियों में भयंकर आक्रोश है। इसके विरोध में डूब प्रभावितों 5 मार्च को महापंचायत बुलाई है।

दरअसल, मंडला और डिंडोरी जिला संविधान की पांचवी अनुसूची (आदिवासी क्षेत्र के लिए विशेष व्यवस्था) के तहत वर्गीकृत है, जहां पेसा कानून एवं नियम प्रभावशील है। परियोजना प्रभावित गांव की सभी ग्रामसभाओं ने इस परियोजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया है। इसके बाद भी परियोजना का उद्घाटन किया गया जो आदिवासियों को पेसा नियम के तहत प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का हनन है। 

पीएम मोदी द्वारा परियोजनाओं के शिलान्यास के विरोध में गुरुवार को प्रभावित गांव ओढारी में सैकड़ों महिला एवं पुरूषों ने नर्मदा नदी में संकल्प लिया कि हम अपनी जल-जंगल और अपनी धरती दाई को डूबने नहीं देंगे। उपस्थित जनसमुदाय ने "कोई नहीं हटेगा, बांध नहीं बनेगा" का उद्दघोष किया। बसनिया (ओढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष बजारी लाल सर्वटे ने कहा कि जितनी जमीन डूब में आ रहा है, उससे मात्र 2437 हेक्टेयर अधिक में सिंचाई होगा। जबकि सच्चाई यह है कि जितने रकबा में सिंचाई का दावा किया जाता है, उससे औसत 60 प्रतिशत रकबा सिंचित हो पाता है। 

संगठन के उपाध्यक्ष तितरा मरावी ने कहा कि प्रदेश सरकार के हठधर्मिता के खिलाफ आगामी 5 मार्च को गांव ओढारी में बसनिया बांध प्रभावितों का विशाल महापंचायत आयोजित किया जाएगा। आज के कार्यक्रम में चिमका टोला, दरगढ, बरझङ, दुपट्टा, धनगांव, ओढारी, बिलग्रा आदि गांव के राजेन्द्र कुलस्ते जीवन लाल सोयाम फूलचद पट्टा सुखलाल आर्मो घोपत पंद्रो महेश परस्ते संतोष यादव गुलबंता बाई तेकाम ओमती आर्मो जननी बाई मरावी समेत सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे।