BJP प्रोपेगैंडा के माध्यम से कश्मीर का हल चाहती है, ऐसा होता तो हिटलर ने दुनिया जीत ली होती: विवेक तन्खा

राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद कश्मीर टारगेट किलिंग के मुद्दे पर विवेक तन्खा का प्रेस कांफ्रेंस, बोले- सरकार बताए की ये कश्मीर में क्या हो रहा है, वहां लोगों की हत्या हो रही है

Updated: Jun 03, 2022, 12:27 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा शुक्रवार को मध्य प्रदेश से निर्विरोध राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए हैं। चूंकि विवेक तन्खा को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कश्मीर मुद्दे एक अहम प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करना था इसलिए भोपाल में उनके प्रतिनिधि के रूप में जेपी धनोपिया सर्टिफिकेट लेने पहुंचे थे। दिल्ली में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए तन्खा ने केंद्र सरकार पर प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगाया।

चूंकि, विवेक तन्खा देश के इकलौते ऐसे सांसद हैं जो कश्मीरी पंडित हैं, ऐसे में घाटी में हो रहे हालिया पलायन के मुद्दे पर उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि, 'भाजपा सरकार प्रोपेगेंडा के माध्यम से कश्मीर की समस्याओं को सुलझाना चाहती है। अगर सिर्फ प्रोपेगेंडा से समस्याएं ठीक हो जाती तो हिटलर ने दुनिया जीत ली होती। कांग्रेस प्रोपेगेंडा या पब्लिसिटी में यकीन नहीं रखती है। अगर आप लोगों के दर्द से जुड़े हैं, उनके आंसू पोछना चाहते हैं तो आप उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे।'

विवेक तन्खा ने आगे कहा कि, 'कश्मीर एक बहुत ही संवेदनशील विषय है, लेकिन मुझे इस ओर राजनीतिक उदासीनता नज़र आती है। अगर आपका एक संवेदनशील और समावेशी चेहरा हो तो यह चीजें आपके नियंत्रण में आ जाती हैं। मैंने संसद में कहा था 
कश्मीर, 'अनुच्छेद 370' से ज्यादा महत्वपूर्ण विषय है। कश्मीर एक संवेदनशील मुद्दा है जिसके लिए आपको राजनीतिक प्रतिबद्धता की जरूरत है, जो सरकार में नज़र नहीं आती। अगर आपको कश्मीर की समस्याओं को हल करना है तो आपको वहां के हितधारकों से बात करनी होगी। आप हितधारकों से बात किए बिना कभी भी किसी जगह शांति स्थापित नहीं कर सकते, यह इतिहास हमें बताता है।'

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, 'आज कश्मीर में हो रही टार्गेटेड हत्याएं अब सिर्फ कश्मीरी पंडितों तक सीमित नहीं रही हैं। कश्मीर में बाहर के 10,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। आतंकवादियों का सर्वनाश करना सरकार की जिम्मेदारी है। आप लोगों की भावनाओं से लगातार नहीं खेल सकते। आज कश्मीर में हर इंसान खौफ के साये में जीने को मजबूर है। वे सभी कश्मीर से बाहर जाना चाहते हैं। सरकार ने ऐसी परिस्थिति बनने ही क्यों दी?'

तन्खा ने कहा कि, 'पिछले 6-7 साल से कश्मीर में राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन है, सीधा केंद्र सरकार का शासन है। 8 साल से आप केंद्र सरकार में हैं।
अब आप अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटकर 1950 या 1960 में क्या हुआ, जैसे सवाल नहीं पूछ सकते। अब यह नहीं चलेगा। अब देश आपसे पूछना चाहता है कि आपने कश्मीर मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाए हैं?
कश्मीर के विषय में आपका 'व्हाइट पेपर' कहां है?
आप कहते हैं कश्मीर में शांति कायम होगी, लेकिन उसका रास्ता क्या है?'

राज्यसभा सांसद ने कहा कि, 'हमारे प्रधानमंत्री जी हर छोटी बात पर ट्वीट करते हैं, मैं उम्मीद करता हूं वे कश्मीर के लोगों के लिए भी ट्वीट करें। जब मैं कश्मीर कहता हूं तो मेरा मतलब सिर्फ कश्मीरी पंडितों से नहीं बल्कि कश्मीर के हर नागरिक से है। कश्मीर हमारा हिस्सा है। कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इस देश को जोड़कर रखना हमारा कर्तव्य है, हमारा धर्म है। इसलिए आज हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि आप कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए जरूरी निर्णय लीजिए, सिर्फ बोल देने से स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है।'

उन्होंने यह भी कहा कि, 'आज के समय में कश्मीर के सरकारी दफ्तर भी सुरक्षित नहीं हैं, वहां जाकर लोगों की हत्या की जा रही है। मेरी सरकार से अपील है कि कृपया उन्हें जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाइए। उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाइए। कश्मीर के लोगों को यह विश्वास दिलाइए कि वे सुरक्षित हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कीजिए। कश्मीर से पलायन मत होने दीजिए, क्योंकि यह पलायन देशहित में नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार शीघ्र सामने आएगी और कश्मीर मुद्दे पर क्या हो रहा है, हम सभी को बताएगी।'