बॉलीवुड के मशहूर एडिटर वामन भोसले का निधन, बॉलीबुड हस्तियों ने जताया शोक

"इनकार" के लिए जीता था नेशनल अवॉर्ड, पिछले एक साल से डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे थे।

Updated: Apr 26, 2021, 01:25 PM IST

Photo courtesy: ABP
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दिल्ली। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म संपादक वामन भोसले का मुंबई के गोरेगांव स्थित निवास पर सुबह 4 बजे निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। परिजनों ने बताया कि उन्हें उम्र संबंधी कई बीमारियां थी। वामन भोसले के भतीजे दिनेश भोसले ने बताया कि 25वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में ‘इनकार' के लिए सर्वश्रेष्ठ संपादक का पुरस्कार पाने वाले वामन भोसले चार- पांच दिन से खाना पीना बंद कर दिया था। उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।


वामन भोसले के भतीजे दिनेश भोसले ने मीडिया को बताया कि "वे पिछले एक साल से काफी बीमार चल रहे थे। उन्हें पहले से ही डायबिटीज की गंभीर समस्या थी मगर पिछले एक साल में उनकी मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं इस कदर बढ़ गईं थीं कि वे लोगों को पहचान तक नहीं पा रहे थे। वे चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गये थे। पिछले 4-5 दिनों से उन्होंने खाना पीना भी छोड़ दिया था। उनका अंतिम संस्कार दोपहर में गोरेगांव में किया जाएगा।"

वामन भोसले ने अपने पार्टनर गुरू शिराली के साथ मिलकर मेरा गांव मेरा देस, दो रास्ते, इनकार, 'दोस्ताना', 'परिचय', 'गुलाम', 'आंधी', 'मौसम', 'अग्निपथ', 'रूप की रानी चोरों का राजा समेत 230 फिल्मों का संपादन किया  वामन-गुरू को 1977 में रिलीज हुई फिल्म 'इनकार' के लिए सर्वश्रेष्ठ एडिटर के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था

मधुर भंडारकर ने दुख जताते हुए ट्वीट कर लिखा कि "मास्टर फिल्म एडिटर वामन भोसले जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने अपने करियर की शुरुआती दिनों में उनके साथ काम किया था। वह हमेशा अपनी बेहतरीन फिल्मों आंधी, कर्ज, मिस्टर इंडिया, राम लखन, अग्निपथ, सौदागर और गुलाम के लिए जाने जाएंगे।"

सुभाष घई ने वामन भोसले के निधन पर दुख जाहिर करते हुए लिखा, "आपकी आत्मा को शांति मिले भोसले सर, एक बेहतरीन फिल्म एडिटर जिन्होंने मेरी पहली फिल्म कालीचरण से लेकर खलनायक तक मेरी फिल्मों को एडिट किया। उन्होंने ही मुझे फिल्म ताल को एडिट करने के लिए प्रेरित किया था। एक ग्रेट टीचर"