बॉम्बे हाईकोर्ट से कंगना को राहत, तोड़फोड़ के लिए बीएमसी को देना होगा मुआवजा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, लगता है यह कंगना को कानूनी मदद से रोकने की कोशिश थी, हाइकोर्ट ने साफ कर दिया कि बीएमसी को तोड़फोड़ के लिए मुआवजा देना होगा

Updated: Nov 27, 2020, 08:17 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई स्थित दफ्तर में की गई तोड़फोड़ को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि बीएमसी को अब कंगना रनौत को मुआवजा देना होगा। कोर्ट ने कहा है कि बीएमएसी ने खराब नीयत से कंगना के दफ्तर को तोड़ा है और यह नागरिकों के अधिकार के खिलाफ था। साथ ही कोर्ट ने कंगना को भी सार्वजनिक बयानों में संयम बरतने की हिदायत दी है।

कंगना रनौत ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है, तो यह व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है। आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को धन्यवाद जिन्होंने मेरे टूटे सपनों पर हंसा। इसका एकमात्र कारण है कि आप एक खलनायक की भूमिका निभाते हैं, इसलिए मैं एक हीरो हो सकती हूं।'

कंगना के इस ट्वीट के अंदाज़ से साफ है कि दूसरों पर संभल कर टिप्पणियां करने की हाईकोर्ट की हिदायत का उन पर कोई असर नहीं हुआ है। गौरतलब है कि शुक्रवार को मामले के सुनवाई के दौरान कंगना के वकील ने कहा कि बीएमसी ने उनके कार्यालय के 40 फीसदी हिस्से को तोड़ा है। कंगना ने बीएमसी से दो करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। इसपर कोर्ट ने नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वेयर नियुक्त किया है जो नुकसान का आंकलन करेंगे। उन्हें मार्च 2021 तक रिपोर्ट सौंपनी है इसके बाद मुआवजे की राशि तय की जाएगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने कहा कि लगता है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई एक्ट्रेस के सोशल मीडिया पर किए गए कमेंट्स को लेकर उन्हें निशाना बनाने के इरादे से की गई है।

बता दें कि 9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के मुंबई के पाली हिल स्थित बंगले में बने ऑफिस के कई हिस्सों अवैध बताते हुए तोड़-फोड़ की थी। कंगना की ओर से याचिका दायर किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने BMC की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगा दी थी और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। कंगना ने बीएमसी के खिलाफ याचिका में मुआवजे की भी मांग की थी। जिसपर बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है।