जासूसी के लिए अब नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल का कर रही केंद्र सरकार: कांग्रेस का बड़ा आरोप

कांग्रेस ने केंद्र पर नया जासूसी सॉफ्टवेयर Cognyt खरीदने का आरोप लगाया है। पवन खेड़ा ने कहा कि इसके लिए 986 करोड़ रुपये खर्चे होंगे।

Updated: Apr 11, 2023, 09:01 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि केंद्र सरकार अपने विरोधियों कि जासूसी करने के लिए नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है। भारत की राजनीतिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए  इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है।

सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "इस देश के जो '2 जासूस' हैं, उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है। इसलिए ये हमारे और आप जैसे करदाताओं का करोड़ों रूपया जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने में लगा रहे हैं। इसका इस्तेमाल राजनेताओं, मीडिया, कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों पर जासूसी करने के लिए किया जाएगा। ये ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि शहंशाह को डर है कि कहीं उसका झूठ का खोखला महल हमारे एक सच से गिर न जाए।"

खेड़ा ने आगे कहा, "चूंकि पेगासस बदनाम हो गया है, इसलिए 'मिनिमम गवर्नेंस-मैक्सिमम सर्विलांस' वाली सरकार बाजार में एक नए स्पाईवेयर की तलाश कर रही है। ये नया स्पाईवेयर पेगासस का विकल्प है। Cognyte स्पाईवेयर को खरीदने में हमारा-आपका 986 करोड़ रुपये खर्च होगा। सरकार विपक्ष, पत्रकारों, न्यायपालिका, नागरिकों और यहां तक कि अपने मंत्रियों की जासूसी करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करती है।"

पवन खेड़ा ने केंद्र से तीन सवाल भी पूछे हैं। उन्होंने कहा कि, "क्या Cognyte से कुछ संचार उपकरण खरीदे गए हैं? अगर हां, तो किस मंत्रालय ने खरीदे, कितना खर्च हुआ? क्या एक नए Spyware को अंतिम रूप देने का विचार है? क्या किसी मंत्रालय ने रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल जारी किया? यदि हां तो वह कौन सा मंत्रालय है?"

उन्होंने आगे कहा, "अगर मोदी जी संस्थानों की जासूसी और निगरानी करने के लिए मैलवेयर और स्पाईवेयर पर इतना खर्च कर रहे हैं- तो वह देश को यह क्यों नहीं बता सकते कि अडानी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं। क्या बीजेपी सरकार ने 2019 के आम चुनावों के लिए पेगासस के माध्यम से सत्ता में आने के लिए अपने नागरिकों और राजनीतिक नेताओं की जासूसी नहीं की थी, और अब 2024 के आम चुनावों के लिए एक और स्पाईवेयर का उपयोग करके इसे दोहराने का लक्ष्य है?"