राज्यसभा में भी पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल, विपक्ष द्वारा चर्चा की मांग को सरकार ने नकारा
संसद में कुछ ही मिनटों में पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल, चर्चा की मांग करती रही विपक्षी पार्टियां पर सरकार ने एक न सुनी, कांग्रेस बोली- यह तो और भी अलोकतांत्रिक तरीका
नई दिल्ली। विवादास्पद कृषि कानूनों को केंद्र सरकार ने संसद में आज वापस ले लिया है। लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानून वापसी बिल पास होने के बाद अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है। संसद के दोनों सदनों में हुई आज शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही कई मायनों में अजीबोगरीब रही। केंद्र सरकार ने बगैर व्यापक चर्चा किए जितनी तेजी से कृषि कानूनों को थोपा था आज उससे भी ज्यादा तेजी में कानून वापसी के बिल पारित किए।
कृषि कानूनों को वापस लेने की सरकार में जल्दीबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोनों सदनों में सरकार ने इसे महज चंद मिनटों में पास करवा दिया। लोकसभा में विपक्ष की बातों को अनसुनी कर तीन से चार मिनट में ही वापसी कानून पारित हो गया। लोकसभा में इस रवैये का जमकर विरोध भी हुआ, लेकिन विरोध दबाने के लिए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
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राज्यसभा में कानून के पेश होने के पहले ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि साल 1961 से लेकर अबतक संसद में 17 रिपील बिल विस्तार से चर्चा के बाद पारित किए गए हैं। हम मांग करते हैं कि राज्यसभा में जब सरकार रिपील बिल लेकर आए तो उस पर चर्चा हो। यही संसद की परंपरा है। लेकिन राज्यसभा में भी सरकार कहाँ सुनने वाली थी।
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति तो मिली लेकिन जैसे ही उन्होंने बोलना शुरू किया। 2 मिनट में ही कैमरा हटाकर उनका माइक बंद कर दिया गया और मात्र 2 मिनट में बिल पास कर दिया। यहां भी विपक्षी सांसद बहस की मांग करते रहे, लेकिन सदन को स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस ने इसे और भी ज्यादा अलोकतांत्रिक बताया है।
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि 16 महीने पहले मोदी सरकार ने जिस तरह से कृषि कानूनों को थोपा था वह सबसे ज्यादा अलोकतांत्रिक था। लेकिन आज जिस तरह से कानून वापस लिए गए ये तो और भी ज्यादा अलोकतांत्रिक तरीका है।
Modi Sarkar wants to push through the 3 farm laws repeal Bill today in Parliament WITHOUT any debate. The passage of the laws 16 months ago was most undemocratic. The manner of repeal is even more so. The Opposition demands a discussion before repeal.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 29, 2021
सरकार डरपोक है: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को डरपोक करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'चर्चा नहीं होने दी-MSP पर, शहीद अन्नदाता के लिए न्याय पर, लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी पर…जो छीने संसद से चर्चा का अधिकार, फ़ेल है, डरपोक है वो सरकार।'
चर्चा नहीं होने दी-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 29, 2021
MSP पर
शहीद अन्नदाता के लिए न्याय पर
लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी पर…
जो छीने संसद से चर्चा का अधिकार,
फ़ेल है, डरपोक है वो सरकार।
तीनों कृषि विरोधी काले क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 29, 2021
क्योंकि चर्चा होती तो…
हिसाब देना पड़ता, जबाब देना पड़ता…
खेती को मुट्ठी भर धन्नासेठों की ड्योढ़ी पर बेचने के षड्यंत्र का।
700 से अधिक किसानों की शहादत का।
फसल का MSP न देने का।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा की, 'तीनों कृषि विरोधी काले क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई। क्योंकि चर्चा होती तो… हिसाब देना पड़ता, जबाब देना पड़ता… खेती को मुट्ठी भर धन्नासेठों की ड्योढ़ी पर बेचने के षड्यंत्र का। 700 से अधिक किसानों की शहादत का। फसल का MSP न देने का।'