ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाए डिजिटल कनेक्टिविटी और इंटरनेट स्पीड, सीजेआई ने केंद्र को लिखा पत्र
सीजेआई रमन्ना ने कहा है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने के कारण वकील ऑनलाइन सुनवाई से नहीं जुड़ पाते हैं

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने देश के ग्रामीण, आदिवासी, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में खराब इंटरनेट स्पीड को लेकर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश ने डिजिटल कनेक्टिविटी दुरुस्त करने और इंटरनेट स्पीड बढ़ाने को लेकर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखा है। सीजेआई ने कहा है कि डिजिटल डिवाइड के कारण न्याय देने की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
सीजेआई रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रविंद्रन द्वारा लिखित एक किताब 'एनोमैलिस इन लॉ एंड जस्टिसः राइटिंग्स रिलेटेड टू लॉ एंड जस्टिस' के ऑनलाइन विमोचन समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'दूरस्थ इलाकों में खराब डिजिटल कनेक्टिविटी न्याय देने की गति पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। इससे देश भर के हजारों युवा वकीलों की आजीविका पर भी असर पड़ा है। इस डिजिटल डिवाइड के कारण वकीलों की एक पूरी पीढ़ी सिस्टम से बाहर हो रही है।'
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जस्टिस रमन्ना ने इस दौरान बताया कि उन्होंने हाल ही में उन्होंने हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को इन मुद्दों पर पत्र लिखा है। पत्र में केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि वे डिजिटल डिवाइड को पाटने के लिए प्राथमिकता से कदम उठाएं। साथ ही वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानते हुए कोरोना के दौरान जान गंवाने वालों की मदद करें और प्राथमिकता के आधार पर वकीलों के लिए टीकाकरण की व्यवस्था करें।
इंटरनेट स्पीड को लेकर रमन्ना ने बताया कि उन्होंने पहले टेलीकॉम कंपनियों को खुद फोन करके बेहतर इंटरनेट एक्सेस को लेकर दूरदराज के इलाकों में बूस्टिंग सिस्टम प्रदान करने के लिए कहने का सोचा था। लेकिन इस पर विचार करने के बाद उन्होंने कॉल करने के बजाए केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखना बेहतर समझा। दरअसल, हाल ही में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों ने एक सम्मेलन के दौरान कनेक्टिविटी का मुद्दा उठाया था।