JNU छात्र संघ चुनाव को लेकर हुई बैठक में झड़प, ABVP और लेफ्ट के छात्र आपस में भिड़े, कई घायल
यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान एबीवीपी और लेफ्ट सदस्यों में हुई हिंसक झड़प के चलते कई छात्र घायल हो गए।

नई दिल्ली। जेएनयू छात्र संघ चुनाव से पहले एक बार फिर दो गुटों में झड़प की खबर सामने आ रही है। जेएनयू में सभी छात्र संगठनों द्वारा आयोजित "यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग" के दौरान लेफ्ट और एबीवीपी में झड़प हुई, जिसमें कई छात्र घायल हुए हैं। झड़प से जुड़े एक वीडियो में जेएनयू की मौजूदा छात्र संघ अध्यक्ष बाकी छात्रों के साथ बहस करती नजर आ रही हैं।
दोनों पक्षों ने इस झड़प के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं जबकि जेएनयू प्रशासन ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। परिसर में 2024 के जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग के सदस्यों को चुनने के लिए साबरमती ढाबे पर विश्वविद्यालय आम सभा की बैठक (यूजीबीएम) बुलायी गयी थी और इस दौरान छात्र समूहों के बीच झड़प हो गयी।
University General Body meeting of JNUSU regarding the demand for immediate elections
— Saumya Raj (@JournoSaumya) February 9, 2024
SFI said, ABVP disrupts University General Body Meeting forcefully. Violence used as a tool to disrupt UGBM and discussion regarding upcoming elections in JNU. @JNUSUofficial @SFI_CEC pic.twitter.com/U5DmiD7lZ6
इस दौरान छात्र समूहों के बीच झड़प हो गयी। सोशल मीडिया पर दोनों समूहों द्वारा साझा की गई वीडियो में एबीवीपी और जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों को नारेबाजी के बीच बहस करते हुए देखा जा सकता है, जबकि विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी स्थिति को काबू में करने की कोशिश में लगे दिखायी दिए। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने दावा किया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष पर एबीवीपी के छात्रों ने हमला किया और झड़प के दौरान उन पर पानी फेंका।
वहीं, एबीवीपी संगठन का आरोप है कि मौजूदा छात्र संघ अध्यक्ष माइक और साउंड कार्यकर्ताओं को जातिवादी गालियां दीं... क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि एबीवीपी यूजीबीएम में भाग ले। मामले पर एनएसयूआई ने कहा कि एबीवीपी ने हमारे परिसर के भीतर लोकतांत्रिक भावना को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है. विघटनकारी रणनीति को बढ़ावा देने में एबीवीपी से जुड़े कुछ व्यक्तियों की कथित संलिप्तता एक समावेशी और लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाती है।