अनपढ़ों की जमात को Shall और Consider में फर्क नहीं पता, 370 विवाद पर दिग्विजय सिंह का पलटवार

क्लब हाउस चैट के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा था की कश्मीरियत वहां के सेक्युलरिज्म का हिस्सा है, आर्टिकल 370 पर विचार करेंगे, बीजेपी नेताओं ने शुरू किया पाकिस्तान राग

Updated: Jun 12, 2021, 03:05 PM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। राज्य सभा सदस्य और कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह का कश्मीर पर एक हालिया चैट देशभर में राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। दिग्विजय सिंह ने इस क्लब हाउस चैट में इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत को बचाने के लिए के लिए आर्टिकल 370 पर विचार करने की बात कही थी। जिस पर बीजेपी नेताओं ने पाकिस्तान का राग अलापना शुरू कर दिया है। दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए बीजेपी नेताओं को अनपढ़ों का जमात करार दिया है।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अनपढ़ लोगों की जमात को Shall (करेंगे) और Consider (विचार करेंगे) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता।' 

दरअसल, एक क्लब हाउस चैट में दिग्विजय सिंह की ऑडियो क्लिप बीजेपी नेताओं और आईटी सेल द्वारा सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल की जा रही है। इस चैट में दिग्विजय सिंह से आर्टिकल 370 को लेकर एक सवाल पूछा गया जिसका अंग्रेजी भाषा मे जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर हम इसपर पुनर्विचार करेंगे।

बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के ही दिग्गज नेता व पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत के विचार का हवाला देते हुए कहा कि, 'जब कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया गया तब वहां लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन नहीं किया गया। न ही इस दौरान इंसानियत का तक़ाज़ा रखा गया क्योंकि लोग सलाखों के पीछे धकेल दिए गए।'

कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस दौरान कश्मीरियत का भी ख्याल नहीं रखा गया। कश्मीरियत ही वहां के सेक्युलरिज्म यानी धर्मनिरपेक्षता का हिस्सा है। क्योंकि मुस्लिम बाहुल्य कश्मीर का राजा एक हिन्दू था और दोनों धर्म के लोग आपसी सामंजस्य से काम करते थे। यहां तक कि वहां के अल्पसंख्यक पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। कश्मीर से आर्टिकल 370 का हटाया जाना अत्यंत दुखद था। केंद्र सरकार आने पर हम इसे लेकर पुनः विचार-विमर्श करेंगे।'

दिग्विजय सिंह के इस बयान पर लेकर जम्मू-कश्मीर के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने आभार जताया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा है कि, 'दिग्विजय सिंह जी का मैं बहुत आभारी हूं। उन्होंने यहां के लोगों की भावनाओं को समझा है। मैं उनका दिल से स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि इसपर पुनः विचार-विमर्श किया जाएगा।

उधर बीजेपी नेताओं ने पाकिस्तान का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और गिरिराज सिंह जैसे नेता इस बयान को हमेशा की तरह एंटी नेशनल करार दे रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले साल ही कांग्रेस से पलटी मारकर बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। 

सिंधिया ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस आज भी पाकिस्तान का पक्ष लेने से चूकती नहीं। कांग्रेस की नीति और नीयत का सत्य! मुझे आश्चर्य नहीं हुआ दिग्विजय जी।' सिंधिया का यह बयान इसलिए आश्चर्यजनक है कि अबतक उन्होंने जीतने भी लोकसभा चुनाव लड़ा है वह कांग्रेस के उसी घोषणापत्र को लेकर जनता के बीच गए हैं, जिसमें स्पष्ट शब्दों में लिखा था कश्मीर से फिलहाल आर्टिकल 370 नहीं हटाया जाएगा। लेकिन एक साल बाद वे इस स्टैंड को पाकिस्तान का पक्षधर करार दे रहे हैं। 

दरअसल, अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटा दिया था। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा भी छीन लिया गया और जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों की शक्तियां छीन ली गई थीं। साथ ही मोदी सरकार ने कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर अपनी ओर से राज्य के लोगों के लिए शासक नियुक्त कर दिया था। 

जम्मू-कश्मीर में इस फैसले के बाद लंबे समय तक मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिया गया और सभी बड़े नेताओं को कैद कर दिया गया था। विपक्ष के नेताओं को कई बार जम्मू कश्मीर जाने की कोशिश नाकाम कर दी गई, उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाज़त नहीं दी गई। और इस फैसले के कई महीनों बाद जम्मू कश्मीर के बड़े नेताओं को आजाद किया गया और लगभग एक साल से ज्यादा समय के बाद वहां 4G इंटरनेट की सुविधा बहाल की गई। 

केंद्र के इस फैसले का न केवल कांग्रेस ने बल्कि देश के कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इस मसले पर शुरू से पार्टी का आधिकारिक स्टैंड यही रहा है कि आर्टिकल 370 हटाने से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों और वहां के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से बातचीत की जानी चाहिए।

दरअसल बीजेपी को शिकायत है कि दिग्विजय सिंह ने इस क्लब हाउस चैट में भारत का पक्ष कमज़ोर किया। बीजेपी को यह बातचीत इस कदर नागवार गुज़री है कि उसके स्वास्थ्य मंत्री से लेकर प्रवक्ता तक दिग्विजय सिंह के खिलाफ रणनीतिक हमला कर रहे हैं। मध्य प्रदेस के मुख्यमंत्री ने तो कांग्रेस अध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मांग कर डाली है।