PM Cares सरकारी फंड नहीं तो कर्मचारियों की सैलरी काटकर इसमें क्यों डाली गई: कांग्रेस ने उठाया सवाल
पीएम केयर्स फंड शुरू से सवालों के घेरे में है, अब मोदी सरकार ने कहा है कि यह सरकारी फंड नहीं है, विपक्ष ने पूछा है कि यदि यह सरकारी नहीं तो इसका नाम मोदी केयर्स फंड क्यों नहीं रखा गया

नई दिल्ली। कोरोना काल में भारत को मदद करने के लिए देश-विदेश के लोगों ने पीएम केयर्स फंड में खरबो रुपए डोनेट किया था। केंद्र की मोदी सरकार ने अब कहा है कि यह सरकारी फंड नहीं है, बल्कि चैरिटेबल ट्रस्ट है। केंद्र सरकार ने इस फंड में कितने पैसे आए और कितने खर्च हुए इसकी जानकारी देने से भी इनकार कर दिया है। केंद्र के इस बयान के बाद फंड के पैसों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने पीएम केयर्स फंड को लेकर 11 महत्वपूर्ण सवाल पूछा है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा है कि अगर पीएम केयर फंड भारत सरकार का राष्ट्रीय सहायता कोष नहीं है तो:-
1) इसके साथ प्रधानमंत्री शब्द क्यों जुड़ा हुआ है ? क्या पीएम केयर फंड का नाम मोदी केयर फंड इत्यादि नहीं होना चाहिए था?
2) इसमें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री इसके पदेन सदस्य क्यों हैं?
3) अगर यह भारत सरकार का फंड नहीं है तो इसमें देश के सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काट कर इस फंड में कैसे डाली गयी ?
4) सरकारी संस्थानों ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की बजाए इसमें चंदा क्यों दिया?
5) इसकी वेबसाइट gov.in पर कैसे है?
6) इसकी वेबसाइट पर राष्ट्रीय चिन्ह का इस्तेमाल क्यों?
7) 27 भारतीय दूतावासों ने "Closed Channels, not in Public Domain" के माध्यम से पीएम केयर फंड का विज्ञापन क्यों किया?
8) सरकार द्वारा फंड को FCRA के पूर्वावलोकन से छूट क्यों दी गई है?
9) सरकार ने इसे विशेष दर्जा क्यों दिया?
10) विदेशी दान का खुलासा क्यों नहीं किया जा रहा?
11) 2020-21 की रिसीप्ट व भुगतान की रिपोर्ट को PM CARES ने अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया?
6/n
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 24, 2021
अगर पीएम केयर फंड भारत सरकार का राष्ट्रीय सहायता कोष नहीं है तो:
7) 27 भारतीय दूतावासों ने "Closed Channels, not in Public Domain" के माध्यम से पीएम केयर फंड का विज्ञापन क्यों किया?
8) सरकार द्वारा फंड को FCRA के पूर्वावलोकन से छूट क्यों दी गई है?#PMDoNotCares
दरअसल, पीएम केयर फंड को केंद्र सरकार और भारतीय मीडिया ने ‘राष्ट्रीय सहायता कोष’ की तरह प्रचारित किया था। इसके बाद सभी भारतवासियों ने कोरोना से लड़ने के लिए इस फंड में बढ़चढ़ कर दान दिया था। हालांकि अब केंद्र सरकार ने इस फंड को लेकर आश्चर्यजनक बात कही है। दिल्ली हाईकोर्ट में PMO द्वारा जारी शपथ पत्र में कहा गया है कि पीएम केयर फंड भारत सरकार का फंड नहीं है, इसे RTI के तहत नहीं लाया जा सकता। साथ ही पीएम केयर्स फंड पर केंद्र या राज्यों का नियंत्रण नहीं, RTI के तहत 'पब्लिक अथॉरिटी' भी नहीं।'
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विपक्ष ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि मोदी सरकार इसे RTI से बाहर क्यों रखना चाहती है? कांग्रेस ने पूछा है कि प्रधानमंत्री मोदी जिम्मेदारी और पारदर्शिता से क्यों बचना चाहते हैं?