कांग्रेस ने कहा, दिशा रवि के ख़िलाफ़ बदले की भावना से कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा, पार्टी की लीगल सेल के ज़रिये कोर्ट में उठाया जाएगा मामला, युवाओं से छीना जा रहा स्वतंत्र विचार रखने का अधिकार

Updated: Feb 16, 2021, 04:41 AM IST

Photo Courtesy: News 18
Photo Courtesy: News 18

नई दिल्ली। कांग्रेस ने माँग की है कि पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि और उनके युवा साथियों के ख़िलाफ़ की जा रही पुलिस की कार्रवाई के बारे में सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने इस मामले को पार्टी की लीगल सेल के ज़रिये कोर्ट में उठाने की बात भी कही है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि पुलिस दिशा रवि और उनके साथियों के ख़िलाफ़ जो कार्रवाई कर रही है, उसका मक़सद किसान आंदोलन का समर्थन करने की सज़ा देना लगता है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या हम देश के युवाओं से स्वतंत्र सोच रखने का अधिकार भी छीनना चाहते हैं?

विवेक तन्खा ने इस सिलसिले में किए गए ट्वीट में कहा है, “न्यूज़ के आधार ऐसा प्रतीत होता है दिशा रवि और उनकी युवा साथियों पर जो दिल्ली पुलिस कार्यवाही कर रही है is a case of gross over reaction. किसान मूवमेंट से जुड़ने का दंड। क्या हम यंग इंडिया को इंडिपेंडेंट सोच के अधिकार एवं हक़ से भी वंचित करेंगे। भारत के सर्वोच्च न्यायालय को इस युवा सोच के प्रति सरकार के रवैए पर जूडिशल नोटिस लेना चाहिए। AICC लीगल डिपार्ट्मंट इस विषय को देश हित और युवा सोच के हित में सर्वोच्च अधिवक्ताओं के माध्यम से कोर्ट के समक्ष जायेगा।”

 

 

विवेक तन्खा ने अपने इस ट्वीट में कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, केटीएस तुलसी, सलमान ख़ुर्शीद जैसे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ को टैग भी किया है। ये सभी नेता देश के दिग्गज वकील भी हैं। बेंगलुरु की रहने वाली 21 साल की दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करते हुए टूलकिट नाम का जो डायक्युमेंट शेयर किया था, वो दिशा ने उन्हें भेजा था।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो और युवा एक्टिविस्ट निकिता जैकब और शांतनु मलिक को भी गिरफ्तार करने का इरादा जाहिर किया है। निकिता जैकब एक्टिविस्ट होने के साथ ही मुंबई की वकील हैं, जबकि महाराष्ट्र के बीड में रहने वाले शांतनु मलिक पेशे से इंजीनियर हैं। पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ देशद्रोह समेत कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किए हैं। दिशा को रविवार को दिल्ली में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अदालत ने पेश किया गया था, जिसने उन्हें पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई की चौतरफा आलोचना हो रही है। प्रियंका गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इसका विरोध कर चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई और नेताओं ने भी दिशा की गिरफ्तारी का विरोध किया है। संयुक्त किसान मोर्चा भी दिशा को फौरन रिहा किए जाने की मांग कर रहा है।