सरकार बताए 3 मई के बाद क्‍या होगा?

कांग्रेस ने मांग की है कि केंद्र सरकार लॉकडाउन से बाहर निकलने की ठोस रणनीति तथा भविष्य का रोडमैप तैयार करे और उसे आम जनता के सामने रखे।

Publish: Apr 24, 2020, 11:01 PM IST

कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हुए मीटिंग में कोरोना संकट से लड़ने में केंद्र सरकार को नाकाम बताते हुए कांग्रेस ने सरकार से पूछा है कि 3 मई के बाद यानी लॉकडाउन के बाद का 'एग्जिट प्लान' क्या है? कांग्रेस ने सरकार से प्रवासी मजदूरों की घर जाने में मदद करने और गरीबों के खाते में साढ़े सात हजार रुपए देने की मांग के साथ ही राज्य सरकारों को पर्याप्त वित्तीय सहायता देने की मांग केंद्र सरकार से की है। यह भी कहा गया कि राज्य सरकारों को कोरोना संकट से निपटने के लिए और अधिक अधिकार दिए जाएं।

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए किए जा रहे इंतजामों पर अपनी चिंता जाहिर की और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। बैठक में सोनिया गांधी ने बीजेपी पर नफरत का वायरस फैलाने का आरोप लगाया।

 

सोनिया गांधी ने कहा कि अब भी टेस्टिंग की संख्या कम है। इसके अलावा जरूरत के मुताबिक टेस्टिंग किट और पीपीई किट उपलब्ध नहीं हैं। जो उपलब्ध हैं उनकी क्वालिटी अच्छी नहीं है। वहीं राहुल गांधी ने लॉकडाउन को एक 'पॉज बटन' बताते हुए कहा कि अब हॉटस्पॉट वाले इलाकों में लॉकडाउन और सुरक्षित इलाकों को खोलने के बारे में सोचना होगा। राहुल ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की समस्या का समाधान सबसे पहले ढूंढना होगा।

कांग्रेस ने कोरोना के रोकथाम और इलाज, लोगों के आजीविका का साधन, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, आर्थिक पुनरोद्धार जैसे चार बिंदुओं पर सरकार को सुझाव दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक महीने पहले प्रधानमंत्री द्वारा घोषित इकॉनॉमिक टास्क फोर्स ने अभी तक सरकार को कोई कार्ययोजना तक पेश नहीं की है।

कांग्रेस कार्य समिति का प्रस्ताव कहता है, 'सीडब्ल्यूसी कम-से-कम एक वर्ष के लिए कृषि और दूसरे सभी लोन की ईएमआई रोकने और ब्याज की पूरी रकम सरकारी खजाने से देने की मांग करती है।' वेणुगोपाल ने प्रस्ताव पढ़ते हुए यह बात कही। वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'यह दुखदायी है कि हम अब तक (कोविड-19 की) मजबूत और बिल्कुल सही-सही जांच की व्यवस्था नहीं कर पाए।'