सरकार की लापरवाही पड़ी बुंदेलखंड पर भारी

अनूठी अलबेली सरकारों की नासमझी अब बुंदेलखंड इलाके पर भारी पड़ने लगी है।

Publish: May 04, 2020, 01:13 AM IST

जब देश में चुनिंदा केस थे तब सबको कहा कि जो जहां है वहीं रहें। घर में रहें। जब केस 40 हजार के पास पहुंच गए हैं तो मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के इंतजाम करने का दावा किया जा रहा है। अनूठी अलबेली सरकारों की ये नासमझी अब बुंदेलखंड इलाके पर भारी पड़ने लगी है। मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके के दो जिले पन्ना और निवाड़ी बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं।

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दरअसल में, बुंदेलखंड ने कोरोना और लॉकडाउन संकट के बाद सरकारों के दावों की कलई खोल दी है। दिल्ली हो या मुंबई, भोपाल हो या इंदौर, हर तरफ से बुंदेलखंड के मजदूर आपको सड़क पर पैदल चलकर अपने घरों की ओर लौटते मिलेंगे। पलायन की असल सच्चाई को उजगार करते हुए।

लॉकडाउन के शुरुआत से ही बुंदेली मजदूरों का अपने घरों की ओर  लौटना जारी है। कभी किसी साधन से तो कभी पैदल। शुरुआत में जो लोग लौटे वे तकलीफें तो साथ लाये थे लेकिन संक्रमण नहीं। लेकिन अब जो पैदल या किसी शासकीय, अशासकीय व्यवस्था से लौट रहे हैं,  वे कोरोना के हॉट स्पॉट बन चुके शहरों से वापसी कर रहे हैं। यही वजह है कि अब उनसे संक्रमण फैलने का खतरा बन चुका है। देर शाम पन्ना जिले में पहला कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज मिला है। दरअसल, 29 अप्रैल को मुंबई से सिमरिया बॉर्डर पर रोककर 6 लोगों को सिमरिया के बनोली में क्वारैंटाइन किया गया था। 30 अप्रैल को इनके सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। इनमे से बाकी तो नेगटिव निकले लेकिन एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 

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इसके अलावा निवाड़ी जिले में कोरोना वायरस के दो मरीजो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। शनिवार को  जिले के 6 सैम्पल की जांच रिपोर्ट रिपोर्ट  बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से आई है।  जिसमें 4 सैंपल नेगेटिव एवं दो  सैंपल की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। दोनो पोजिटिव मरीजों को निवाड़ी के झांसी रोड पर स्थित एक कॉलेज में रखा गया है। इनमे से एक इंदौर एव दूसरा भोपाल से  लौटकर आया था।

साफ है कि बाहर से लौटे मजदूर अब बुंदेलखंड में लौटकर यहां खतरा बढ़ा रहे हैं। यदि समय रहते इन्हें वापस बुला लिया जाता तो शायद ये भी सुरक्षित होते और बुंदेलखंड भी।