दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर, ज्यादातर अस्पतालों में बेड फुल

राजधानी में मात्र 116 वेंटिलेटर बचे, हर दिन 15 हजार तक बढ़ सकते हैं केस, फिर से लॉकडाउन की तैयारी, दिल्ली से नोएडा जाने वालों की होगी जांच

Updated: Nov 18, 2020, 04:06 PM IST

Photo Courtesy: India TV
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नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ने से हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान राजधानी में महामारी का प्रकोप जितनी तेज़ी से बढ़ा है, उसे कोरोना की तीसरी लहर माना जा रहा है। हालात की गंभीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के अधिकांश अस्पतालों में बेड पूरी तरह भर चुके हैं। ऐसे में जिन मरीज़ों को कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत है, उनके इलाज में भारी दिक्कत होने की आशंका है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि दिल्ली सरकार फिर से मिनी लॉकडाउन लगाने की तैयारी कर रही है।

दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब मात्र 116 वेंटिलेटर ही बचे हैं। आईसीयू बेड भी तेज़ी से कम होते जा रहे हैं। आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र से मदद मांगी है। कोरोना के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में प्रतिदिन सात से आठ हजार तक नए मामले सामने आ रहे हैं वहीं 90-100 लोगों की मौत हो रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि अक्टूबर महीने में अंत में दिल्ली में कुल 3113 कंटेनमेंट जोन थे। लेकिन, बीते एक पखवाड़े में ही यह संख्या 4430 हो गई है। यानी सिर्फ दो हफ्तों में ही करीब 1317 नए कंटेनमेंट जोन बनाने पड़े हैं।

दिल्ली के इन बिगड़ते हालात की वजह से ही मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपने ही स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस बयान को खारिज करना पड़ा कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर का पीक निकल गया है और राजधानी में अब लॉकडाउन लगाने की कोई ज़रूरत नहीं है। सत्येंद्र जैन के इस बयान के चौबीस घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद सामने आकर कहा कि राजधानी में कोरोना के मामले अगर इसी तेजी से बढ़ते रहे तो शहर के कई प्रमुख बाजारों में दोबारा मिनी लॉकडाउन लगाने की ज़रूरत पड़ सकती है।

विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में दिवाली पर प्रदूषण का बढ़ना और त्योहारों की वजह से लोगों का कोरोना के नियमों का खुलकर उल्लंघन करना इस तेज़ी की बड़ी वजह है। लोगों की इस लापरवाही की वजह से दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैला है और आने वाले दिनों में राजधानी में प्रतिदिन 15 हजार नए कोरोना केस सामने आ सकते हैं। 

इन हालात में दिल्ली सरकार ने राजधानी में लॉकडाउन लागू करने को लेकर केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। यदि केंद्र द्वारा दिल्ली के प्रस्ताव को मान लिया जाता है तो दिल्ली में कई तरह की पाबंदियां लगाई जाएगी। शादी समारोहों में जहां 200 लोगों की इजाजत है उसे 50 तक सीमित किया जा सकता है। दिल्ली सरकार बाजार, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं और सरकारी दफ्तरों को भी दुबारा से बंद करने के पक्ष में है। फिर से लॉकडाउन को लेकर दिल्ली के कारोबारियों में नाराजगी है और उनका कहना है कि पिछले लॉकडाउन से वे अबतक उबर नहीं पाए हैं और फिर से लॉकडाउन की बात व्यापारियों को बलि का बकरा बनाने जैसा है।

दिल्ली से नोएडा जाने वालों की जांच होगी

राजधानी में कोरोना की तीसरी लहर के चलते बढ़ते मामलों के बीच अब दिल्ली से नोएडा आने वाले लोगों की औचक तरीके से कोविड-19 की जांच की जाएगी। गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने कहा है कि दिल्ली से लोगों की आवाजाही की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में उन लोगों की औचक जांच की जाएगी जो दिल्ली से आए हों। यह जांच रैपिड एंटीजन किट से की जाएगी। हालांकि, दिल्ली और नोएडा के बीच मुक्त आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी।