आइए, रामकृष्‍ण जैसे योद्धाओं का सम्‍मान करें...

रामकृष्‍ण वह कोरोना योद्धा है जो अपने विभाग प्रमुख के फोन पर लॉकडाउन में हर जोखिम उठाते हुए तैलंगाना से लखनऊ जा पहुंंचा। अपने उन 4 विद्यार्थियों की तारीफ की है, जिन्होंने उनके एक फोन पर डिपार्टमेंट जॉइन कर सैम्पल टेस्टिंग में मदद कर रहे हैं। माइक्रो बायोलॉजी विभाग की लैब में टेक्नीशियन, साइंटिस्ट, विरोलॉजिस्ट और रिसर्च स्कॉलर इन दिनों सातों दिन 24 घण्टे सैम्पल टेस्टिंग के अपने काम मे जुटे हुए हैं।

Publish: Apr 13, 2020, 11:25 AM IST

ramakrishna
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कोरोना महामारी को मात देने में जुटे एक से बढ़कर एक योद्धाओं की कहानियां सामने आ रही हैं। देश मे इन योद्धाओं को कोरोना वारियर्स नाम दिया गया है। आपको रूबरू कराते हैं एक ऐसे ही योद्धा से जिसका नाम है-रामकृष्ण। रामकृष्ण तेलंगाना के खम्मम जिले के रहने वाले हैं।

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर रामकृष्ण 6 महीने पहले अपने प्रोजेक्ट को पूरा करके खम्मम स्थित अपने गांव वापस आ गए थे। जहां वह अपने माता पिता की खेती में मदद करने के साथ अपने थीसिस के काम मे जुटे थे। पर 21 मार्च को जैसे ही केजीएमयू की माइक्रो बायोलॉजी विभाग की प्रमुख अमिता जैन ने फोन उन्हें फोन कर कोरोना के सैम्पल टेस्टिंग के लिए उनकी मदद मांगी, वो फौरन तैयार हो गए। युद्ध कब समय जिस तरह एक सैनिक बुलावा आने पर तुरंत निकल पड़ता है, रामकृष्ण भी एक सैनिक की भांति ही लखनऊ जाने के लिए तुरंत तैयार हो गए। पर अभी मुश्किल माता पिता को मनाने की थी। रामकृष्ण माता पिता को झूठ बोलकर घर से निकल गए। उन्हें मालूम था कि पूरे देश मे फैल रही कोरोना महामारी को देखते हुए माता पिता उनके घर से जाने पर चिंतित हो जाएंगे। इसीलिए उन्होंने अपने माँ बाप से झूठ बोला की वो अपने दोस्त के गांव थीसिस लिखने के लिए जा रहे हैं। हालांकि उस समय उनके माता पिता उनके घर से बाहर जाने की बात से सहमत नहीं थे। पर रामकृष्ण ने किसी तरह उन्हें मना लिया। हालांकि अब रामकृष्ण ने उन्हें लखनऊ में होने की जानकारी दे दी है।

29 वर्षीय माइक्रो बायोलॉजिस्ट रामकृष्ण 22 मार्च को जनता कर्फ्यू वाले दिन हैदराबाद पहुंचे। पर देशव्यापी कर्फ्यू के कारण उस दिन वो लखनऊ नहीं जा सके। 23 मार्च को हैदराबाद एयरपोर्ट पर पुलिस ने उन्हें बाहर जाने से रोक दिया। पर हकीकत बताने पर उन्हें लखनऊ जाने में मदद की।

रामकृष्ण के इस समर्पण और कर्तव्यनिष्ठता का लोगों को पता तब चला जब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर बताया कि किस तरह कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मेडिकल फील्ड के लोग आगे आ रहे हैं। पिछले सप्ताह प्रियंका गांधी ने पत्र लिखकर रामकृष्ण के कर्तव्यनिष्ठता की सराहना की। उन्होंने लिखा की संकट की इस घड़ी में रामकृष्ण जैसे योद्धाओं का सम्मान और उत्साहवर्धन किया जाना चाहिए।

 

 

विभाग प्रमुख जैन ने रामकृष्ण सहित अपने उन 4 विद्यार्थियों की तारीफ की है, जिन्होंने उनके एक फोन पर डिपार्टमेंट जॉइन कर सैम्पल टेस्टिंग में मदद कर रहे हैं। माइक्रो बायोलॉजी विभाग के इस लैब में टेक्नीशियन, साइंटिस्ट, विरोलॉजिस्ट और रिसर्च स्कॉलर इन दिनों सातों दिन 24 घण्टे सैम्पल टेस्टिंग के अपने काम मे जुटे हुए हैं।