कोविशील्ड से हुई बेटी की मौत, याचिकाकर्ता ने मांगा 1000 करोड़ का मुआवजा, कोर्ट ने बिल गेट्स को भेजा नोटिस

महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत ने दावा किया है कि उनकी बेटी स्नेहल लुनावत को कोविड रोधी टीका लेने के लिए मजबूर किया गया और इस वजह से उसकी मौत हुई, उन्होंने एक हजार करोड़ रुपए मुआवजा मांगा है

Updated: Sep 03, 2022, 10:45 AM IST

Photo Courtesy: Bar and Bench
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मुंबई। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के एक शख्स ने दावा किया है कि कोविड वैक्सीन लेने की वजह से उसकी बेटी की मौत हो गई। उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने मुआवजे के रूप में एक हजार करोड़ रुपए की मांग की है।

औरंगाबाद निवासी याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत के मुताबिक उनकी बेटी स्नेहल लुनावत, महाराष्ट्र के धमनगांव में एसएमबीटी डेंटल कॉलेज एंड हाॅस्पिटल में डॉक्टर और सीनियर लेक्चरर थीं। एक हेल्थ वर्कर होने के कारण उसे कोविड रोधी टीका लेने पर मजबूर होना पड़ा। पिछले साल 28 जनवरी को नासिक में अपने कॉलेज में स्नेहल ने कोविशील्ड वैक्सीन ली।

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याचिकाकर्ता के मुताबिक कुछ दिनों के बाद, स्नेहल को तेज सिरदर्द और उल्टी हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क में रक्तस्त्राव होने की बात कही। लुनावत ने दावा किया कि 1 मार्च, 2021 को टीके के दुष्प्रभाव के कारण उसकी मृत्यु हो गई।

दिलीप के मुताबिक, उनकी बेटी को ये भरोसा दिलाया गया कि वैक्सीन लेना बिल्कुल सुरक्षित है और इससे उन्हें किसी तरह का रिस्क नहीं है। याचिका में कहा गया है कि DGCI चीफ डॉ सोमानी और AIIMS प्रमुख डॉ. गुलेरिया ने कई इंटरव्यू दिए और लोगों को यकीन दिलाया है कि वैक्सीन सुरक्षित है।

दिलीप ने याचिका में अपनी बेटी का कोविड सर्टिफिकेट अटैच किया है जो 28 जनवरी 2021 को जारी हुआ था। याचिका में ये भी दावा किया गया है कि कोविशील्ड के साइड इफेक्ट की बात खुद केंद्र सरकार के एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन की रिपोर्ट में भी कही गई है। ये रिपोर्ट 2 अक्टूबर, 2021 को जारी की गई थी।

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याचिकाकर्ता का कहना है कि वह अपनी बेटी को न्याय दिलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वो कई ऐसे लोगों की जान बचाना चाहते हैं, जिनकी इस वैक्सीन के कारण हत्या होने की संभावना है। 

याचिका को संज्ञान में लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), एम्स निदेशक डॉ गुलेरिया, डीजीसीआई और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स समेत अन्य लोगों से जवाब मांगा है।