कोवैक्सीन का तीसरा ट्रायल AIIMS में शुरू, खुराक पाने वाली डॉक्टर ने कहा बिल्कुल ठीक हूं, काम कर रही हूं

Covaxine Trial: कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में लगभग 28,500 लोगों को दी जाएगी खुराक

Updated: Nov 27, 2020, 02:22 PM IST

Photo Courtesy : NDTV.com
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए विकसित की जा रही स्वदेशी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल गुरुवार को नई दिल्ली स्थित एम्स में शुरू हो गया। कोवैक्सीन के नाम से बनाई जा रही इस वैक्सीन की पहली खुराक एम्स की न्यूरोसाइंस सेंटर की चीफ डॉक्टर एम.वी. पद्म श्रीवास्तव और तीन अन्य लोगों को दी गई है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से तैयार किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले कुछ दिनों में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान एम्स में तकरीबन 15 हजार लोगों को वैक्सीन की यह खुराक दी जानी है। समाचर एजेंसी पीटीआई ने अपने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि वैक्सीन के 0.5ml की पहली खुराक चार वालेंटियर्स को दी गई है। उन्हें दो घंटे तक निरीक्षण में रखा गया और अगले कुछ दिनों तक उन सभी की निगरानी भी की जाएगी।

हिंदी के एक प्रमुख न्यूज़ चैनल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि जब डॉक्टर एमवी श्रीवास्तव से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, कोवैक्सीन पहली स्वदेशी निर्मित कोरोना वैक्सीन है और यह सबसे ऊपर है। मेरा इंस्टीट्यूट इस ट्रायल में भागीदारी कर रहा है। मुझे खुशी है कि सबसे पहले वालेंटियर के तौर पर इस वैक्सीन की पहली खुराक मुझे दी गई। मैं बिल्कुल ठीक हूं और काम कर रही हूं। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार कोवैक्सीन की यह खुराक 18 वर्ष या उससे ऊपर के करीब 28,500 लोगों को दी जाएगी। इसका ट्रायल 10 राज्यो में 25 जगहों पर चलेगा। ट्रायल पहले ही कुछ जगहों पर शुरू हो चुका है। भारत बायोटेक के तीसरे चरण की वैक्सीन के ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इजाजत मिल चुकी है।

कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल का डेटा ड्रग कंट्रोलर को पहले ही सौंपा जा चुका है। हैदराबाद स्थित इस कंपनी ने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन देते हुए कहा था कि इस वैक्सीन ने अब तक सभी आयु वर्ग के लोगों में बेहतर नतीजे दिखाए हैं और किसी तरह के नुकसान की कोई खबर अब तक नहीं आई है। 

गौरतलब है कि अमेरिका में वैक्सीन की शुरआत दिसंबर महीने से शुरू होनी है। वहीं ब्रिटेन, जर्मनी और स्पेन जैसे देशों ने यह दावा किया है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन उनके देशवासियों को मिल जाएगी। वहीं भारत में मार्च 2021 तक वैक्सीन की उपलब्धता की संभावना जताई जा रही है। खुद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस बात पर अपनी सहमति हाल ही में अपने एक बयान के जरिए ज़ाहिर की है।