केरल में बढ़ा निपाह वायरस का खतरा, कर्नाटक में भी अलर्ट जारी, जानें कितना खतरनाक है यह वायरस

निपाह वायरस चमगादड़ से सुअरों, कुत्तों और घोड़ो में पहुंचता है। निपाह के 40 से 70 फीसदी मामलों में मरीज की मौत हो जाती है। निपाह वायरस का अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन सका है इसलिए और ज्यादा घातक है।

Publish: Sep 15, 2023, 01:26 PM IST

केरल के कोझिकोड़ में शुक्रवार को निपाह वायरस का एक और मामला सामने आया है। 39 वर्षीय एक व्यक्ति को निपाह से संक्रमित पाया गया। संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। केरल में ये निपाह वायरस का पांचवां केस है। इसके पहले एक नौ वर्षीय बच्चा भी वायरस से संक्रमित पाया गया। केरल में निपाह के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक सर्कूलर जारी किया है। कर्नाटक सरकार ने लोगों को केरल के प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।

भारत में निपाह संक्रमण पर अब तक छह से सात अध्ययन कर चुकीं पुणे की वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव बताती हैं कि कोरोना की तुलना में निपाह वायरस काफी जानलेवा है। निपाह वायरस चमगादड़ से सुअरों, कुत्तों और घोड़ो में पहुंचता है। इसके बाद यह उनके माध्यम से इंसानों तक पहुँच जाता है। यह वायरस जानवरों की लार से दूषित हुए भोज्य पदार्थ के माध्यम से मनुष्य में आता है। निपाह के 40 से 70 फीसदी मामलों में मरीज की मौत हो जाती है। निपाह वायरस का अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन सका है इसलिए और ज्यादा घातक है।

निपाह वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 10 खतरनाक वायरस की श्रेणी में रखा है। केरल में निपाह के लगातार पांचवी साल प्रभाव देखे जा रहे हैं। 2018 में संक्रमण के चलते केरल में 17 लोगों ने जान गवाई थी। इसे ध्यान में रखकर कर्नाटक सरकार ने भी सर्कुलर जारी कर लोगों को केरल के निपाह वायरस प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है। वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि केरल के कोझिकोड में 7 पंचायतों के स्कूल और बैंक बंद करने का आदेश दिए गए हैं। 

केरल में बढ़ते निपाह के खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों को भी अलर्ट किया गया है। यहां अबतक 6 मरीज निपाह वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। राज्य में स्थिति को देखते हुए केंद्र से अधिकारियों की टीम गुरुवार सुबह कोझिकोड पहुंची और राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत की।

बता दें कि पहली बार निपाह 1999 में मलेशिया और सिंगापुर के लोगों में फैला था। निपाह वायरस से पीड़ित रोगियों में घातक रूप से मस्तिष्क व हृदय की मासपेशियों में सूजन जैसे लक्षण देखे जाते हैं। इसके सामान्य लक्षण बुखार, खाँसी, थकान सांस लेने में तकलीफ़ आदि हैं। इससे बचाव के लिए उन स्थानों पर जाने से बचना चाहिए जहां वायरस का प्रभाव है। भोज्य पदार्थों में सफाई का ध्यान रखना चाहिए और फलों सब्जियों को अच्छे से धोकर उपयोग में लाना चाहिए।