दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की EVM पर रोक लगाने वाली याचिका, याचिकाकर्ता पर लगाया 10 हज़ार का जुर्माना

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जनहित याचिका से ज़्यादा प्रचारहित याचिका प्रतीत हो रही है, कोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता ने इस विषय पर अच्छी तरह से रिसर्च नहीं किया था, कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दोबारा से एक फ्रेश याचिका को दाखिल करने की छूट दी

Updated: Aug 03, 2021, 01:01 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने ईवीएम से संबंधित एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट में ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज किया ही, साथ ही याचिकाकर्ता पर दस हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जुर्माना राशि जमा करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। याचिकाकर्ता को यह जुर्माना राशि दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण में जमा करानी होगी।  

मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगाने और बैलेट पेपर के ज़रिए चुनाव कराने की मांग करने वाली याचिका को यह कहते हुए खारिच कर दिया कि याचिकाकर्ता ने सुनी सुनाई बातों के आधार पर याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस डीएन पटेल और ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि इस याचिका को दाखिल करने से पहले याचिकाकर्ता ने अच्छी तरह से शोध नहीं किया। इसलिए हम इस याचिका के आधार पर नोटिस जारी नहीं कर सकते। 

हाई कोर्ट में यह याचिका अधिवक्ता सीआर जया सुकिन ने दाखिल की थी।याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि फ्रांस और जर्मनी जैसे देश ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने भी ईवीएम के इस्तेमाल को असंवैधानिक करार दिया है। जया सुकिन ने कहा कि भारत में राजनेताओं से लेकर कई सामाजिक संस्थान ईवीएम को लेकर अपनी शंका ज़ाहिर कर चुके हैं। सुकिन ने कहा कि सिर्फ चुनाव आयोग को ही ईवीएम पर भरोसा है। चुनाव आयोग को छोड़कर अन्य किसी को भी ईवीएम पर भरोसा नहीं है।  

दूसरी तरफ कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि याचिकाकर्ता को ईवीएम के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। सिर्फ कुछ खबरों को पढ़कर याचिका को दाखिल किया गया है। हालांकि याचिकाकर्ता को एक फ्रेश याचिका दाखिल करने की छूट दी जाती है।