दलित सरपंच को नहीं फहराने दिया था झंडा, रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में गणतंत्र दिवस के दिन एक सरपंच को झंडा फहराने से सिर्फ इसलिए वंचित रखा गया, क्योंकि वह दलित हैं। दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद अब आरोपी रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया गया है।

Updated: Jan 28, 2024, 02:45 PM IST

राजगढ़। शनिवार को देश जब 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, तब मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक निर्वाचित सरपंच को सिर्फ इसलिए झंडा फहराने से रोका गया क्योंकि वो दलित हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद जब मामला तूल पकड़ने लगा तब आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन द्वारा आदेश जारी कर आरोपी रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।

घटना राजगढ़ जिले के ब्यावरा में तरेना ग्राम पंचायत का है। यहां सरपंच मान सिंह वर्मा गणतंत्र दिवस के दिन झंडा नहीं फहरा सके। मान सिंह वर्मा ने बताया कि दलित होने के कारण रोजगार सहायक लाखन सिंह ने उन्हें झंडा वंदन नही करने दिया। मामला सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। सिंह ने पीड़ित सरपंच का वीडियो ट्वीट कर लिखा था, 'देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नही ले रहे। मान सिंह वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नही करने दिया।'

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव से दोषी रोजगार सहायक को सस्पेंड करने की मांग की थी। सिंह ने आगे लिखा, 'मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नही है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व ST-SC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्यवाही करना चाहिए।'

अब इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई है। शासन प्रावधानों के खिलाफ किए गए ध्वजारोहण के चलते ग्राम पंचायत तरेना में ग्राम रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई हैं। राजगढ़ जिला कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।