दिग्विजय सिंह ने EVM पर उठाए गंभीर सवाल, कन्नन गोपीनाथन का किया समर्थन
पूर्व IAS कन्नन गोपीनाथन ने चुनाव आयोग के इस दावे को झूठा बताया है कि EVM स्टैंडअलोन डिवाइस है, यानी उसे किसी और मशीन से जोड़ा नहीं जाता, उन्होंने पूछा है कि उम्मीदवारों के नाम, चुनाव चिह्न कैसे लोड होते हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस सिलसिले में पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के उठाए प्रश्नों का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग से उनका जवाब देने की मांग भी की है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि कन्नन गोपीनाथन ने ईवीएम को लेकर जो खुलासे किए हैं, उनसे चुनाव आयोग के दावों पर सवालिया निशान लग गया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि आयोग दावा करता रहा है कि ईवीएम एक स्डैंडअलोन (stand alone) मशीन है, जिसे किसी बाहरी मशीन (external device) से नहीं जोड़ा जाता। लेकिन कन्नन गोपीनाथ ने जो जानकारियां दी हैं, उनसे आयोग का यह दावा संदेह के दायरे में आ गया है।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि चुनाव आयोग बार-बार दावा कर चुका है कि ईवीएम में वन टाइम प्रोग्रामेबल चिप होती है, यानी एक ऐसी चिप जिसे एक ही बार प्रोग्राम किया जा सकता है। लेकिन ऐसी बहुत सी रिपोर्ट्स हैं, जिनमें दावा किया गया है कि VVPAT में मल्टी प्रोग्रामेबल चिप लगी है। मल्टी प्रोग्रामेबल चिप का मतलब है ऐसी चिप जिसे बार-बार प्रोग्राम किया जा सकता है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर ऐसा है तो इसका यह भी मतलब हो सकता है कि कंट्रोल यूनिट को मैसेज देने का काम वीवीपीएटी से किया जाता है, बैलेट यूनिट से नहीं।
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि निर्वाचन आयोग को कन्नन गोपीनाथन के उठाए गंभीर सवालों का जवाब ज़रूर देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि कन्नन खुद चुनाव संपन्न कराने की प्रक्रिया में शामिल रह चुके हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग को उनकी शंकाओं का जवाब जरूर देना चाहिए। लेकिन क्या आयोग जवाब देगा? देखते हैं।
Some questions which ECI must respond to the issues raised by Kannan who has conducted Elections on EVM. Would they? Let’s see.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 17, 2021
दरअसल कन्नन गोपीनाथन ने ईवीएम को लेकर कई बेहद गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कन्नन ने कहा है कि चुनाव आयोग बार-बार दावा करता है कि VVPAT और EVM के साथ किसी एक्सटर्नल डिवाइस यानी बाहरी मशीन को जोड़ा नहीं जाता। लेकिन कन्नन ने ईवीएम और VVPAT बनाने वाली कंपनी BEL के मैनुअल के हवाले से बताया है कि VVPAT को शुरू करने के लिए बाहरी लैपटॉप या कंप्यूटर की ज़रूरत होती है। कन्नन ने पूछा है कि अगर VVPAT स्टैंडअलोन डिवाइस है तो उसकी कमीशनिंग के लिए लैपटॉप या कंप्यूटर की ज़रूरत क्यों पड़ती है? पूर्व आईएएस अधिकारी ने इसके लिए उपयोग में लाए जाने वाले एक एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर की बात भी उठाई है।
ECI @ECISVEEP, why a Laptop computer/Desktop PC is required for VVPAT commissioning?
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) February 12, 2021
Also, there is an application software!
If EVM-VVPAT is not connected to any external device what is this laptop for?
Please care to explain @SpokespersonECI. This is from BEL VVPAT manual. pic.twitter.com/tvJQI1hUDr
गोपीनाथन ने बताया है कि एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के ज़रिए EVM और VVPAT पर उम्मीदवारों के नाम और उनके चुनाव चिन्हों को लोड करने के लिए लैपटॉप का इस्तेमाल किया जाता है। कन्नन ने इसकी पूरी प्रक्रिया पर भी कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने ईवीएम-वीवीपैट मशीनों की मैन्युफैक्चरिंग और खरीद को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कन्नन का कहना है कि चुनाव आयोग दावा करता है कि ये मशीनें BEL / ECIL द्वारा बनाई जाती हैं। लेकिन उनका दावा है कि बीईएल की ई-प्रोक्योरमेंट साइट पर मशीन की पीसीबी समेत कई कंपोनेंट के लिए टेंडर मंगाए गए हैं। कन्नन ने सवाल उठाया है कि अगर उपकरणों का निर्माण BEL/ECIL द्वारा किया जाता है, तो पीसीबी के लिए टेंडर क्यों आमंत्रित किए गए?
This is from eProcurement site of BEL. For PCB, Symbol Loading unit, PCB, VSDU test Jig, PCB, CU, BU etc.
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) February 12, 2021
Are these related to elections @ECISVEEP?
Who supplied it?
In your presentation you say it is manufactured by BEL/ECILs. Then why tender for PCBs?
https://t.co/G1HmLzLnVN pic.twitter.com/rsQ7tuVlfY
पूर्व नौकरशाह ने इन सभी सवालों पर चुनाव आयोग से जवाब मांगे हैं। गोपीनाथन ने निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता को टैग करते हुए लिखा है कि अगर मैं गलत हूं तो मुझे जवाब देने और गलत साबित करने की ज़िम्मेदारी आपकी है, ताकि मैं भ्रामक जानकारी न फैला सकूं। और अगर मेरी बात में सच्चाई है, तो इसे संज्ञान में लेकर सुधार करना भी आपकी जिम्मेदारी है। कन्नन का कहना है कि चुनाव आयोग की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।