कोरोना टीकाकरण के सर्टिफिकेट से हटेगी मोदी की तस्वीर, TMC की शिकायत पर चुनाव आयोग का आदेश

केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट पर मोदी की तस्वीर को माना अचार संहिता का उल्लंघन, पेट्रोल पंप से मोदी के पोस्टर हटाने का भी दिया जा चुका है आदेश

Updated: Mar 06, 2021, 05:10 AM IST

Photo Courtesy: Business Today
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नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना वैक्सीन की सर्टिफिकेट पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है। चुनाव आयोग ने टीएमसी की शिकायत पर फैसला लेते हुए आदेश दिया है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाई जाए। आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को हिदायत दी है कि वे नियमों का पालन करें। इसके पहले चुनाव आयोग ने पेट्रोल पंपों से मोदी की तस्वीर हटाने का आदेश दिया था।

चुनाव आयोग का कहना है कि तस्वीरें आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर बीजेपी के स्टार प्रचारक मोदी की तस्वीर आदर्श आचार संहिता के खिलाफ है। इसे अनुचित प्रचार के रूप माना जा सकता है। चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा था। बताया जा रहा है कि मंत्रालय की तरफ से मिले जवाब के बाद आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कोरोना सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर छापने को पद और शक्तियों का गलत फायदा उठाना माना जाएगा।

दरअसल, टीएमसी ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर लगाए जाने पर आपत्ति जताई थी। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा था कि, 'राज्य में चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाया जाना उचित नहीं है। आचार संहिता के बावजूद जिस तरह से कोविड-19 के दस्तावेजों पर पीएम मोदी की तस्वीरें दिखाई जा रही है यह बीजेपी की बेशर्मी है।'

टीएमसी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाब मांगा था। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 'टीकाकरण प्रणाली को चुनावों की घोषणा से पहले डिजाइन किया गया था। प्रमाण पत्र उसी योजना के तहत  जारी किए गए थे। आदर्श आचार संहिता बाद में लागू हुई।' हालांकि, चुनाव आयोग ने मंत्रालय के इस दलील को खारिज करते हुए आचार संहिता के प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करने का आदेश दिया।

चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद अब जिन पांच प्रदेशों में चुनाव होने वाले हैं, वहां टीका लेने वालों को दिए जा रहे सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटाई जाएगी। इसके पहले इसी हफ्ते चुनाव आयोग ने सभी पेट्रोल पंप संचालकों से भी पीएम मोदी की तस्वीर हटाने को कहा था। दरअसल, चुनाव वाले राज्यों के पेट्रोल पंप्स पर भी पीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे थे, जिन पर सरकारी योजनाओं का प्रचार किया गया था। इसे संज्ञान में लेते हुए आयोग ने बुधवार को कहा कि 72 घंटों के अंदर सभी पेट्रोल पंप ऐसे होर्डिंग्स हटवा दें।

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर विवाद हुआ हो। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि बीजेपी और केंद्र सरकार महामारी को सेल्फ प्रमोशन के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि वे महामारी की आपदा के बीच भी अपनी पार्टी के लिए चुनावी लाभ का अवसर तलाशने में लगे हैं। 

बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के टीकाकरण करवाने का जिस तरह से प्रचार किया गया, उस पर भी काफी विवाद हुआ। पीएम के टीका लगवाने के बाद कहा गया कि उन्हें पुदुच्चेरी और केरल की नर्सों ने टीका लगाया। पीएम ने टीका लेते हुए एक स्माइलिंग तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें वे असम का गमछा लपेटे हुए नज़र आ रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि असम, पुदुच्चेरी और केरल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए वैक्सीन लगवाने में भी इन राज्यों का जिक्र करके सियासी संदेश देने की कोशिश की गई।