ममता बनर्जी पर हमले से चुनाव आयोग का इनकार, लेकिन डीएम और एसपी को हटाया

चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिक्योरिटी डायरेक्टर को भी पद से हटा दिया है, हालाँकि आयोग ने आज ही साफ़ किया है कि मुख्यमंत्री को चोट लगना महज़ एक हादसा था

Updated: Mar 14, 2021, 02:28 PM IST

Photo Courtesy : Opindia
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कोलकाता। चुनाव आयोग ने नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगी चोट के मामले में उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कई अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें ममता के सिक्योरिटी डायरेक्टर से लेकर एसपी और डीएम तक शामिल हैं। हालांकि आयोग ने आज ही यह दावा किया कि नंदीग्राम में ममता को चोट किसी हमले या साजिश की वजह से नहीं लगी है। लेकिन उसके बाद आयोग ने जिस तरह अफसरों को हटाया है, उससे इतना तो साफ है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक की बात आयोग भी मान रहा है। 

चुनाव आयोग ने आज जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें ममता बनर्जी के सिक्योरिटी डायरेक्टर के अलावा ईस्ट मिदनापुर जिले के डीएम और पुलिस अधीक्षक यानी एसपी भी शामिल हैं। आयोग ने ईस्ट मिदनापुर के डीएम विभु गोयल को तत्काल प्रभाव से हटा कर उन्हें किसी गैर चुनावी पद पर तैनात करने के निर्देश दिए हैं। ईस्ट मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश को तो चुनाव आयोग ने निलंबित ही कर दिया है। इन सभी को आयोग ने ममता की सुरक्षा में चूक का ज़िम्मेदार ठहराया है।

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चुनाव आयोग ने ईस्ट मिदनापुर में डीएम विभु गोयल की जगह स्मिता पांडे को तैनात किया है। स्मिता पांडे 2005 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। एसपी प्रवीण प्रकाश की जगह अब 2009 बैच के अधिकारी सुनील यादव ईस्ट मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक की ज़िम्मेदारी संभालेंगे। 

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इससे पहले ममता बनर्जी को 10 मार्च को चुनाव प्रचार के दौरान चोट लगी थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। ममता पर हुए हमले की शिकायत टीएमसी नेताओं ने चुनाव आयोग से की। टीएमसी का आरोप था कि ममता पर हमला साजिश के तहत कराया गया है। टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग से बीजेपी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष के एक ट्वीट का हवाला भी दिया था, जिसमें उन्होंने ममता को चोट लगने से दो दिन पहले एक कार्टून पोस्ट किया था। उस कार्टून में ममता को नंदीग्राम में गिरकर घायल होते हुए दिखाया गया था।  

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चुनाव आयोग ने ममता को लगी चोट के सिलसिले में जांच शुरू की। आयोग ने तीन अलग अलग रिपोर्ट के आधार पर आज यह दावा किया कि ममता पर कोई हमला नहीं हुआ था, बल्कि उन्हें एक हादसे में चोट लगी थी। लेकिन आयोग के इस दावे के बाद अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई भी कुछ सवालों को जन्म दे रही है। सवाल यही है कि जब ममता को लगी चोट महज एक हादसा थी, तो उसके लिए इतने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों की जा रही है?

बहरहाल ममता बनर्जी को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। हालांकि उनका पैर अब भी प्लास्टर में है। चोट की वजह से वे चल नहीं पा रहीं। लेकिन अपने जुझारू तेवर के लिए मशहूर ममता ने व्हील चेयर पर बैठकर ही प्रचार शुरू कर दिया है। अब बीजेपी परेशान है कि कहीं व्हील चेयर पर बैठकर प्रचार करती दीदी मतदाताओं को एक बार फिर से अपने पीछे लामबंद करने में कामयाब न हो जाएं।