लोकतंत्र को बचाने के लिए बैलेट पेपर से हो वोटिंग, विकसित देशों में बैन है EVM, दिल्ली HC में याचिका दायर

याचिकाकर्ता ने कहा है कि इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, हॉलैंड, और अमेरिका जैसे बड़े देशों ने ईवीएम को बैन कर दिया है, भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए अब ईवीएम हटाना जरूरी

Updated: Jul 16, 2021, 01:57 PM IST

Photo Courtesy : HT
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नई दिल्ली। देश में अब एक बार फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को बैन करने की मांग उठने लगी है। दिल्ली हाईकोर्ट में इस बाबत याचिका दायर कर कहा गया है कि भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें पुनः बैलेट पेपर से वोटिंग प्रणाली पर लौटना होगा। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि दुनिया के तमाम विकसित देशों ने ईवीएम पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दिल्ली हाईकोर्ट की वकील सीआर जया सुकिन ने यह याचिका दायर कर लोकतंत्र की रक्षा करने की मांग की है। जया का कहना है कि यदि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाए रखना है तो आने वाले सभी चुनावों में हमें ईवीएम हटाकर एक बार फिर से बैलट पेपर से चुनाव कराने होंगे। उन्होंने तर्क दिया है कि दुनिया के कई विकसित देश मसलन इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, हॉलैंड, और अमेरिका तक ने ईवीएम को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। इसके जगह वहां भी बैलेट पेपर से ही चुनाव हो रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि विकसित देशों में ईवीएम बैन कर दिए गए हैं, इससे स्पष्ट है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि बैलेट पेपर से वोटिंग प्रणाली ज्यादा भरोसेमंद और पारदर्शी है। ईवीएम से छेड़छाड़ कर उसे हैक किया जा सकता है, लेकिन बैलेट पेपर पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित है। जया ने भारतीय संविधान के की धारा 324 का हवाला देते हुए कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा कराए जाने वाला चुनाव साफ-सुथरा होना चाहिए और उसमें वोटर्स की सहमति भी होनी चाहिए।

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दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की डिवीजन बेंच ने तीन अगस्त तक के लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। बता दें कि ईवीएम को बैन करने की मांग देशभर में लंबे समय से होती रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों से लेकर बौद्धिक वर्ग और तकनीकी जानकार लगातार ईवीएम प्रणाली पर शंका जाहिर करते रहे हैं। कई पोलिंग बूथ के हैरतअंगेज नतीजों ने भी ईवीएम को शक के घेरे में ला दिया है। बावजूद इसके केंद्रीय चुनाव आयोग ईवीएम को हटाने से इनकार करती रही है। ईवीएम हटाने के पीछे तर्क यह है कि मानव निर्मित मशीन को इंसान अपने हिसाब से चला सकता है। लेकिन चुनाव आयोग का दावा है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता।