Facebook Row: देश तोड़ने की बातें करने वालों पर हो कार्रवाई
Facebook Hate Speech: शिवसेना ने कहा कि फेसबुक केवल इसलिए नफरत फैलाने वाले को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं क्योंकि वह सत्तारूढ़ पार्टी से है

मुंबई। बीजेपी से जुड़े व्यक्तियों और समूहों की घृणा फैलाने और हिंसा उकसाने वाली पोस्ट पर फेसबुक द्वारा कार्रवाई ना करने की खबरों के बीच देश में मचे राजनीतिक बवाल में अब शिवसेना ने भी एंट्री ने मारी है। शिवसेना ने कहा कि फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंच पर नफरत फैलाने वालों और देश को तोड़ने की बातें करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, भले ही वे किसी भी पार्टी से नाता रखते हों।
शिवसेना ने कहा कि फेसबुक जैसी कंपनियां केवल इसलिए नफरत फैलाने वाले किसी व्यक्ति को नजरअंदाज नहीं कर सकतीं क्योंकि वह सत्तारूढ़ पार्टी से है। पार्टी ने सोशल मीडिया मंच से कारोबार के नियमों और नैतिकता का पालन करने को कहा। पार्टी की इस प्रतिक्रिया को बीजेपी के ऊपर हमले के रूप में देखा जा रहा है।
Click: कांग्रेस ने जुकरबर्ग को पत्र लिख की फेसबुक विवाद की जांच की मांग
अमेरिका के समाचारपत्र ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने खबर प्रकाशित की थी कि फेसबुक बीजेपी के कुछ नेताओं पर घृणा भरे भाषण के नियमों को लागू करने में अनदेखी करता है, जिसके बाद कांग्रेस ने आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) कराने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि इससे भारतीय लोकतंत्र को खतरा है और इसकी जांच जरूरी है। कांग्रेस ने बीजेपी पर फेसबुक और व्हाट्सएप से सांठ गांठ कर चुनावों को भी प्रभावित करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाए था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी सूचना फैलाते हैं।
इसके एक दिन बाद ही शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘ फेसबुक जैसे मंचों पर चर्चा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर कोई इसके जरिए नफरत फैलाए, देश और समुदाय को तोड़ने की बात करे तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, भेल ही वह किसी भी पार्टी से नाता रखता हो। ’’
पार्टी ने कहा, ‘‘ फेसबुक जैसी कंपनी नफरत फैलाने वाले किसी व्यक्ति को केवल इसलिए नजरअंदाज नहीं कर सकती क्योंकि वह सत्तारूढ़ पार्टी से है।’’ शिवसेना ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक दूसरे को बदनाम करना एक बड़ा धंधा बन गया है, जिसके लिए पैसे दिए जाते हैं।
पार्टी ने आगे कहा, ‘‘आप (फेसबुक) हमारे देश में कारोबार करने आए हैं और व्यवसाय के न्यूनतम नैतिकता-नियमों का पालन तो करना ही होगा।’’