एमपी के 10वीं फेल शख़्स ने मुंबई की हाईक्लास सोसायटी को बनाया बेवकूफ, फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगाकर लाखों वसूले

मुंबई की हाईक्लास सोसायटी में 390 लोगों को नकली कोरोना वैक्सीन लगाकर 4 लाख 91 हजार की धोखाधड़ी, ना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिला, ना कोई अन्य लक्षण, सतना से सप्लाई हुई थी नकली वैक्सीन

Updated: Jun 18, 2021, 04:58 PM IST

Photo Courtesy: Indian express
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मुंबई। महानगर की हाईक्लास हीरानंदानी सोसाइटी में फर्जी कोरोना वैक्सीनेशन कैंप लगाने का मामला सामने आया है। मुख्य बात यह है कि इसके तार मध्य प्रदेश से जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड सतना का रहनेवाला ेक शख्स है, जो दसवीं फेल है। इस व्यक्ति ने एमपी के सतना शहर से फेक वैक्सीन की सप्लाई की थी। शहर से भागने की फिराक में इस शख्स को सतना रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है।  इस गोरखधंधे में कुल चार लोग पकड़े गए हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, कोर्ट ने 25 जून तक सभी आरोपियों को पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।

कोरोना आपदा को अवसर बनाने का कोई मौका जालसाज नहीं छोड़ रहे हैं। मुंबई में फर्जी टीकाकरण कैंप लगाकर सैकड़ों लोगों की जान से खिलवाड़ और ठगी कर आरोपियों ने नकली कोरोना वैक्सीन लगाकर 390 लोगों की जान से खिलवाड़ किया है। आरोपियों ने लोगों से लाखों की ठगी की है। पुलिस को इनके पास से नौ लाख की वैक्सीन बरामद हुई है। चार लोगों के गिरोह ने मुंबई की हाईक्लास सोसाइटियों में कोरोना टीकाकरण कैंप लगाकर हर शख्स से 1260 रुपए वसूल रहे थे। 1200 वैक्सीन के और 60 रूपये टैक्स के।

दरअसल मुंबई की हीरानंदानी सोसाइटी में 30 मई को वैक्सीनेशन कैंप लगा था, वहां वैक्सीन लगवाने आए लोगों से कहा गया था कि 1200 रुपए की वैक्सीन है, और 60 रुपए GST इस हिसाब से एक सोसाइटी से आरोपियों ने करीब 4 लाख 91 हजार रुपए से ज्यादा की वसूली की है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस तरह का वैक्सीनेशन ड्राइव मुंबई की 9 सोसाइटीज में चलाया गया था।

सोसायटी में वैक्सीनेशन करवाने आए लोगों को ना तो सर्टिफिकेट मिले और ना ही वहां पर लोगों को सेल्फी लेने दी जा रही थी। जबकि लोग कहते भी रहे कि कोरोना वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए वे फोटो लेना चाहते हैं, और लोगों को बताना चाहते हैं कि हमने वैक्सीन लगवा ली है। फिर भी हीरानंदानी सोसाइटी में वैक्सीन लगवाने आए लोगों ने नियमों का हवाला देते हुए फोटो खींचने से रोक दिया।

लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी तुरंत नहीं दिया गया। सोसाइटी मेंबर्स का कहना है कि राजेश पांडे नाम के एक शख्स ने खुद को कोकिलाबेन हॉस्पिटल का प्रतिनिधि बताया था। इस वैक्सीनेशन कैंप में संजय गुप्ता ने संचालक की भूमिका निभाई थी। महेंद्र सिंह ने लोगों से पैसे इकट्ठे किए थे।

लोगों को शक हुआ की ना तो सर्टिफिकेट आए, ना ही किसी को टीका लगने के बाद बुखार या कोई अन्य लक्षण दिखाई दिए। करीब 10-15 दिनों बाद लोगों के जो सर्टिफिकेट आए उसमें मुंबई के विभिन्न अस्पतालों के नाम थे, जब उन अस्पतालों से संपर्क किया गया तो पता चला की उनकी ओर से किसी तरह का वैक्सीनेशन ड्राइव नहीं चलाया गया था, वहीं BMC द्वारा भी वैक्सीन उपलब्ध करवाने से इनकार किया गया, अब लोगों को चिंता होने लगी है कि उन्हें कोरोना वैक्सीन के नाम पर क्या लगा दिया गया है। कहीं उसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं होगा, अब क्या वे सही तरीके से टीका लगवा पाएगें या नहीं, और तो और एंटीजन टेस्ट करवाने की तैयारी में हैं।

कई अलग-अलग संगठनों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद सोसाइटी के एक रहवासी ने इस पूरे मामले की शिकायत मुंबई के कांदिवली पुलिस थाने में दर्ज करवाई है। पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बृह्नमुंबई महानगरपालिका ने इस सोसाइटी में किसी तरह के वैक्सीनेशन कैंप की परमीशन नहीं दी थी। इस वैक्सीनेश के दौरान ना ही कोई मेडिकल ऑफीसर मौजूद था। वहीं अब इस मामले में मुंबई पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसकी जानकारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी) दिलीप सावंत ने दी है। उनका कहना है कि सोसाइटी में कैंप लगाने में ये चारों शामिल थे। पुलिस ने कैंप के लिए वैक्सीन ख़रीदने वाले आरोपी को मध्य प्रदेश के सतना रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है।