Farm Ordinance: हरसिमरत कौर के इस्तीफे से दुष्यंत चौटाला पर बढ़ा दबाव
Randeep Singh Surjewala: पद प्यारा है किसान नहीं, दुष्यंत जी डिप्टी सीएम पद से ही इस्तीफा दे देते

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों का देशभर के किसान विरोध कर रहे हैं। इस विधेयक को लेकर केंद्र की एनडीए सरकार के घटक दलों में मतभेद भी खुलकर सामने आने लगा है। एनडीए गठबंधन में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल (SAD) के कोटे से मंत्री रही हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार (18 सितंबर) को इस्तीफा दे दिया है। हरसिमरत के इस्तीफे के बाद अब एनडीए के एक और सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) पर भी एनडीए का साथ छोड़ने का दबाव बढ़ने लगा है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा के डिप्टी सीएम व जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला से इस्तीफे की मांग की है। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'दुष्यंत जी, हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते। पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ? कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे। जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।'
दुष्यंत जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 17, 2020
हरसिमरत के इस्तीफ़े के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफ़ा दे देते।
पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं ?
कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे।
जजपा सरकार की पिछलग्गु बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।
मामले पर कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी जेजेपी पर कड़ा हमला बोला है। हुड्डा ने ट्वीट कर कहा, 'पंजाब के अकाली दल, AAP ने संसद में कांग्रेस के साथ किसान विरोधी 3 अध्यादेशों का विरोध करने का साहस दिखाया, पर दुर्भाग्य कि हरियाणा के BJP,JJP नेता सत्ता-सुख के लिए किसान से विश्वासघात करने लगे हुए है। जब पंजाब के सब दल किसान के पक्ष में एक हो सकते है तो हरियाणा BJP-JJP क्यूँ नही?'
अकाली @HarsimratBadal_ जी के इस्तीफ़े के बाद इस प्रश्न को और बल मिलता है-
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) September 17, 2020
जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन BJP-JJP नेता क्यूँ किसान से विश्वासघात कर रहे है?
किसान-हित से ऊपर सत्ता-लोभ। https://t.co/TDnBLXk40l
हुड्डा ने आगे लिखा कि, 'अकाली @HarsimratBadal_ जी के इस्तीफ़े के बाद इस प्रश्न को और बल मिलता है- जब पंजाब के सारे दल किसान के पक्ष में एक हो कर केंद्र के इन किसान-घातक अध्यादेशों के विरोध में आ सकते है तो हरियाणा के सत्तासीन BJP-JJP नेता क्यूँ किसान से विश्वासघात कर रहे है? किसान-हित से ऊपर सत्ता-लोभ।'
बता दें कि पंजाब के बादल परिवार और हरियाणा के चौटाला परिवार के बीच राजनीतिक और पारिवारिक रिश्ता रहा है। जेजेपी का बीजेपी से गठबंधन करवाने में भी बादल परिवार का अहम भूमिका माना जाता है। दोनों पार्टियों का वोटबैंक भी ग्रामीण लोग और किसान माने जाते हैं। अब जब पंजाब और हरियाणा के किसान इस विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं तो इन नेताओं पर विपक्षी दलों का दबाव और भी बढ़ गया है।
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जानकारों की मानें तो हरसिमरत कौर का इस्तीफा महज एक इत्तेफाक नहीं है बल्कि पंजाब के किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि कोई भी सांसद इस विधेयक का समर्थन करेगा तो उसे क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा जिसके बाद हरसिमरत ने दिखावे के लिए इस्तीफा दिया है और उनकी पार्टी अकाली दल अभी भी सरकार का समर्थन कर रही है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि इस विधेयक पर जेजेपी का रुख क्या होता है?