Farmer Protest: राकेश टिकैत से मिलने जयंत चौधरी गाज़ीपुर पहुंचे, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव ने फ़ोन किया

ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे राकेश टिकैत ने बीती रात रोते हुए कहा, किसानों को मारने की साज़िश हो रही है, कृषि कानून वापस नहीं लिया गया तो खुदकुशी कर लूंगा, उनके बयान के बाद से किसानों की भीड़ बढ़ रही है

Updated: Jan 29, 2021, 07:00 AM IST

Photo Courtesy: ANI/Twitter
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दिल्ली-यूपी बॉर्डर, गाज़ीपुर। गाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत के बीती रात भावुक होकर रो पड़ने के बाद से उन्हें चौतरफा समर्थन मिल रहा है। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी उनसे मिलने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुँच गए तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने फोन पर बात करके समर्थन दिया है।

पीएम हर विषय पर बोलते हैं किसानों के मुद्दे पर भी बोलें : जयंत 

आज सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे जयंत चौधरी ने राकेश टिकैत से मुलाकात करने के बाद कहा कि आज संसद के सत्र का पहला दिन है और किसानों का मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर विषय पर बोलते हैं, उन्हें किसानों के मसले पर भी बोलना चाहिए। 

जयंत चौधरी ने कहा कि उनके पिता और RLD प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने भी नरेश टिकैत और राकेश टिकैत से बात की है और किसानों को एकजुट रहने का संदेश दिया है। जयंत चौधरी ने बीती रात ट्विटर पर लिखा था, “चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है” - ये संदेश दिया है चौधरी साहब ने! 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बीती रात राकेश टिकैत से बात करके उनकी सेहत का हाल-चाल पूछा। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी इस आंदोलन में किसानों के साथ है।

इस बीच, ग़ाज़ीपुर के दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ रही है। किसान नेता राकेश टिकैट के बीती रात भावुक होकर रो पड़ने का किसानों में खासा असर देखा जा रहा है। उनके भावुक बयानों को टीवी पर दिखाए जाने और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद से किसानों के जत्थे रात में ही गाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए। सुबह होते-होते वहां किसानों की भीड़ काफी बढ़ गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माहौल को देखते हुए पुलिस के तेवर भी बदल गए। रात में जहां किसानों को हटाने की तैयारी नज़र आ रही थी, वहीं सुबह होते-होते माहौल बदल गया। 

 राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी किसानों के समर्थन में यूपी के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुँचे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत के साथ वे मंच पर मौजूद हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बीती रात राकेश टिकैत से बात करके उनकी सेहत का हाल-चाल पूछा। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी इस आंदोलन में किसानों के साथ है। 

धरना दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत बीती रात पुलिस और रैपिड एक्शन फ़ोर्स की भारी तैनाती और किसानों को जबरन हटाने की तैयारी देखकर इतने भावुक हुए कि मीडिया के कैमरों के आगे रो पड़े। उन्होंने रोते हुए कहा, 'किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्हें मारने की साजिश हो रही है। अगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मैं इस देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।' टिकैत ने ये एलान भी किया कि वे कृषि कानूनों के वापस हुए बिना किसी भी हाल में धरना खत्म नहीं करेंगे। 

राकेश टिकैत ने ये आरोप भी लगाया कि दो बीजेपी विधायक सैकड़ों लोगों के साथ लाठी-डंडे लेकर किसानों पर हमला करने पहुँचे हैं। उन्होंने उन दोनों विधायकों और उनके साथ आए हमलावरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने की माँग भी की। टिकैत ने कहा, 'इतनी बड़ी साजिश होगी, मुझे पता नहीं था। मैंने सब लोगों के खिलाफ जाकर BJP को वोट दिया था। मेरी वाइफ ने किसी और को वोट दिया था, लेकिन मैंने BJP को वोट दिया। उन्हें वोट देकर मैंने गद्दारी की थी। ये सरकार किसान बिरादरी को पूरे देश में बदनाम करने की कोशिश कर रही है।'

 

गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने से नाराज टिकैत बोले, 'सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। गांवों में दिक्कत हुई तो किसान लोकल पुलिस थानों पर जाएंगे। वहां जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।' गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने से नाराज टिकैत बोले, 'सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। गांवों में दिक्कत हुई तो किसान लोकल पुलिस थानों पर जाएंगे। वहां जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।'

इससे पहले गुरुवार शाम से ही ग़ज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस और रैपिड एक्शन फ़ोर्स का भारी जमावड़ा शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश की साइड में पीएसी भी पहुँच गई। पुलिस ने जगह-जगह धारा 144 लागू होने के नोटिस चिपका दिए और किसानों से इलाक़ा ख़ाली करने को कहा। मीडिया की भारी मौजूदगी के बीच ये ख़बरें आने लगीं कि किसी भी पल पुलिस किसानों को जबरन वहाँ से हटा सकती है। लेकिन राकेश टिकैत के भावुक होकर रोते हुए दिए गए बयान का वीडियो चैनलों पर बार-बार दिखाए जाने और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देर रात ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की तादाद बढ़ने लगी। माहौल में अलग तरह की सरगर्मी नज़र आने लगी। ख़बरें ये भी आईं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में टिकैत के समर्थन में किसान सड़कों पर उतरने लगे हैं। इसी के बाद मीडिया चैनलों ने कहना शुरू किया कि रात में किसानों को जबरन हटाए जाने का पुलिस का इरादा नहीं है।