किसानों ने Jio के लाखों सिम पोर्ट कराने की मुहिम छेड़ी, मोदी सरकार पर दबाव बनाने की नई रणनीति
आंदोलन कर रहे किसानों का एलान, सरकार जिन कॉरपोरेट के फ़ायदे के लिए हमारे हितों से खिलवाड़ कर रही है, उनके पास नहीं जाने देंगे अपने पैसे

नई दिल्ली। पूरे किसान आंदोलन में किसानों का यही कहना है कि सरकार कृषि कानूनों के जरिए किसानों को कॉरपोरेट के हवाले कर, उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। लिहाज़ा अब किसानों ने खास तौर पर उन कॉरपोरेट्स के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है, जिन्हें वो प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार का करीबी मानते हैं। अपनी इसी रणनीति के तहत अब हरियाणा और पंजाब के किसानों ने मुकेश अंबानी की कंपनी जिओ के सिमकार्ड को दूसरी कंपनियों में पोर्ट कराने की मुहिम छेड़ दी है। आंदोलन कर रहे किसानों दावा है कि जिओ के सिम पोर्ट करवाने वाले किसानों की संख्या लाखों में है।
नंबर पोर्ट कराने वाले किसानों का कहना है कि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि उनका पैसा सरकार की करीबी कॉरपोरेट के पास नहीं पहुंच सके। किसान नेता गुरनाम सिंह ने यह दावा किया है कि अब तक लाखों किसानों ने अपना जिओ सिम पोर्ट करवा लिया है।
वहीं एक अन्य किसान नेता ओंकार सिंह ने अमर उजाला से कहा है कि मोदी सरकार कृषि कानूनों के माध्यम से कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। इसीलिए किसानों ने सरकार-कॉरपोरेट गठजोड़ के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने का नया तरीका निकाला है। उन्होंने भी दावा किया कि पंजाब-हरियाणा के लाखों किसानों ने जिओ के सिमकार्ड पोर्ट कराने की मुहिम छेड़ दी है, ताकि उनका पैसा उन कॉरपोरेट्स की जेब में न जाए, जिन्हें फायदा पहुंचाने के चक्कर में सरकार किसानों की एक नहीं सुन रही।