कोरोना से जंग हार गए फ्लाइंग सिख, पत्नी के निधन के 5 दिन बाद खुद भी दुनिया को कहा अलविदा
कोरोना नेगेटिव आने के बाद बिगड़ी तबीयत, पीएम मोदी ने जताया दुख, पूरे देश में शोक का लहर, एक सपना अधूरा छोड़ कर गए हैं भारत के महान खिलाड़ी

चंडीगढ़। आजाद भारत के पहले स्पोर्टिंग सुपरस्टार पद्मश्री मिल्खा सिंह ने शुक्रवार देर रात अपनी आखिरी सांसें ली। अपनी पत्नी को कोरोना की वजह से खोने के पांच दिन बाद ही मिल्खा सिंह ने भी 91 की उम्र में दुनिया छोड़ दिया। फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर, मिल्खा लंबे समय से कॉरोना से पीड़ित थे। हाल ही में उनकी तबीयत फिर से बिगड़ने लगी थी जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन द रिसर्च अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
मिल्खा सिंह पहली बार 19 मई को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे लेकिन एसिंप्टोमैटिक होने की वजह से उन्हें होम क्वारांटाइन में रखा गया था। कुछ दिनों बाद 24 मई को कोविड-न्यूमोनिया से संक्रमित होने के बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया। स्थिति बिगड़ने पर मिल्खा को 3 जून को चंडीगढ़ के पीजीआईएमइआर (PGIMER) अस्पताल ले जाया गया। मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर भी कोरोना से पीड़ित थीं और पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन की वजह से वे भी 13 जून को जिंदगी की जंग हार गईं।
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मिल्खा के बेटे जीव मिल्खा सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा ‘पापा नहीं रहे!’। परिवार ने स्टेटमेंट जारी करते हुए लिखा है ‘बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि मिल्खा सिंह जी का 18 जून 2021 को 11.30 बजे रात में निधन ही गया है। उन्होंने कोरोना से जंग बहुत हिम्मत के साथ लड़ी लेकिन ईश्वर के अपने इरादे होते हैं। ये शायद उनका सच्चा प्यार और साथ ही था कि दोनों माताजी निर्मला जी और अब पिताजी 5 दिन के अंतर में दुनिया छोड़ गए।’ मिल्खा अपने पीछे अपने बेटे और तीन बेटियां छोड़ गए हैं।
अस्पताल ने जारी किए स्टेटमेंट में बताया है कि ‘मिल्खा सिंह का 13 जून तक कोरोना का इलाज हुआ है। कोरोना से जंग लड़कर मिल्खा 13 जून को नेगेटिव पाए गए थे। लेकिन उसके बाद तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया जहां मेडिकल टीम की कड़ी मेहनत के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।’
मिल्खा सिंह का अधूरा सपना
मिल्खा सिंह का सपना था कि वो मरने से पहले किसी भारतीय ट्रैक या फील्ड इवेंट के खिलाड़ी के हाथ में ओलंपिक का गोल्ड देखना चाहते थे। 1960 के रोम ओलंपिक्स में उन्हें चौथे पर संतोष करना पड़ा था। उनके बाद पीटी उषा भी फाइनल तक पहुंची लेकिन गोल्ड नहीं ला पाई थी। इतनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित करने के बावजूद मिल्खा सिंह का यह सपना अधूरा रह गया। फौजी, धावक व देश-दुनिया के लिए पथप्रदर्शक रहे मिल्खा सिंह ने 1958 में वेल्स में राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो उनके साथ पांच दशकों से अधिक समय तक रहा। मिल्खा सिंह ने वर्षों तक ट्रैक और फील्ड पर अपना दबदबा कायम रखा और देश को कई मेडल्स दिलाए। 1959 में मिल्खा सिंह को खेल की दुनिया में उनकी उपलब्धियों के लिए देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया था।
In the passing away of Shri Milkha Singh Ji, we have lost a colossal sportsperson, who captured the nation’s imagination and had a special place in the hearts of countless Indians. His inspiring personality endeared himself to millions. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/h99RNbXI28
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
फ्लाइंग सिख के गुजरने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया, जिसने देशभर को मोहित कर लिया था और अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया था। उनके प्रेरक व्यक्तित्व ने खुद को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया था। उनके निधन से आहत है।’ मिल्खा के गुज़र जाने पर गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर, आनंद महिंद्रा, अभिनेता अक्षय कुमार, तापसी पन्नू, कैप्टन डीके शर्मा जैसे कई दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है।