चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन, शंकराचार्यों के बाद अब कांग्रेस ने अस्वीकारा न्योता

धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है: कांग्रेस

Updated: Jan 11, 2024, 08:56 AM IST

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा धार्मिक ध्रुवीकरण में जुट गई है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे तमाम असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार द्वारा अर्धनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन कराया जा रहा है। इसे लेकर देश के चारो शंकराचार्य से लेकर तमाम बड़े धर्माचार्य नाराज हैं। इसी बीच अब कांग्रेस ने भी अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा है कि हम राम मंदिर उद्घाटन का न्योता ससम्मान अस्वीकार करते हैं।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने बुधवार को इस संबंध में बयाना जारी कर कहा, 'पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता श्री अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला। भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है।'

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, 'स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।'

बता दें कि इस महीने 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह कराया जाना है। माना जा रहा है कि चुनाव पूर्व धार्मिक ध्रुवीकरण की नियत से भाजपा अधूरे निर्माण के बावजूद मंदिर का उद्घाटन करने पर आमदा है। इसे लेकर देश के चारो शंकराचार्यों ने आपत्ति जताई है। यहां तक कि सभी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने तक से इनकार कर दिया है।