पूर्व CJI रमेशचंद्र लाहोटी का निधन, दो से ज्यादा बच्चे होने पर चुनाव नहीं लड़ने का दिया था फैसला
मध्य प्रदेश के गुना जिले के रहने वाले से रमेशचंद्र लाहोटी, इंदौर से था गहरा रिश्ता, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहते बेबाकी से अपनी बातें रखने के लिए जाने जाते थे
नई दिल्ली। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रमेशचंद्र लाहोटी का बुधवार को निधन हो गया। मध्य प्रदेश के गुना जिले के रहने वाले लाहोटी को 1 जून 2004 को भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वे 31 अक्टूबर 2005 तक इस पद पर रहे। लाहोटी ने 81 वर्ष की उम्र में आखिरी सांसें ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सीजेआई लाहोटी के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'पूर्व प्रधान न्यायाधीश आर सी लाहोटी के निधन से दुखी हूं। न्यायपालिका के क्षेत्र में योगदान और वंचितों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने पर उनके जोर के लिए उन्हें याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों व उनके चाहने वालों के साथ है।'
Anguished by the passing away of former CJI Shri RC Lahoti Ji. He will be remembered for his contributions to the judiciary and emphasis on ensuring speedy justice to the underprivileged. Condolences to his family and well-wishers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 24, 2022
जानकारी के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद से ही लाहोटी नोएडा में रह रहे थे। इंदौर से उनका गहरा रिश्ता था। समय-समय पर इंदौर आते रहते थे। यहां उनकी बेटी-दामाद, भतीजी और परिवार के कई सदस्य रहते हैं। दो महीने पहले ही वे एक पारिवारिक आयोजन में शामिल होने के लिए यहां आए थे। उनके परिजनों ने बताया कि 5 दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल एडमिट कराया गया था। बुधवार शाम हृदयगति रुकने से निधन हो गया। लाहोटी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को सुबह 10 बजे दिल्ली में पूरे प्रोटोकॉल के साथ किया जाएगा।
लाहोटी कम शब्दों में बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते थे। बतौर सीजेआई 17 महीने तक का उनका कार्यकाल चर्चित रहा। अपने कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति लाहोटी ने हरियाणा के उस कानून को बरकरार रखा, जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। आरसी लाहोटी उस समय भी चर्चा में आए, जब उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में तमिलनाडु के चर्चित कांची शंकराचार्य मामले में आरोपियों को जमानत दे दी।
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बता दें कि लाहोटी गुना के निवासी थे और उन्होंने जिला व हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी की है। उन्होंने कैरियर की शुरुआत गुना में वकालत के रूप में की थी। इसके बाद हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। उन्हें तीन मई 1988 को मधप्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जस्टिस लाहोटी के निधन पर शोक व्यक्त किया। सीएम चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाहोटी का निधन देश और प्रदेश की अपूरणीय क्षति है। वह मध्य प्रदेश के गौरव थे। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के गुना जिले से जुड़े लाहोटी न्यायपालिका क्षेत्र के एक मजबूत स्तंभ थे।