पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के CM रहे एसएम कृष्णा का निधन, 92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
एसएम कृष्णा का सोमवार देर रात करीब 2:30 बजे निधन हो गया। वे 92 साल के थे। कृष्णा ने बेंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
बेंगलुरु। पू्र्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एसएम कृष्णा का निधन हो गया है। वे 92 साल के थे। कृष्णा ने बेंगलुरु में अपने आवास पर सोमवार देर रात करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। उनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा था। उनके निधन से सियासी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
एसएम कृष्णा उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। वे इंदिरा गांधी के शासन में कैबिनेट मंत्री और राजीव गांधी के शासन में उद्योग और वित्त राज्यमंत्री रहे। वे 1962 में पहली बार कर्नाटक विधानसभा की मद्दूर सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए। वे 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बने। 1999 कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने।
कृष्णा 11 अक्टूबर, 1999 से 28 मई, 2004 तक कांग्रेस से कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें आधुनिक कर्नाटक का जनक भी कहा जाता है। वे 1996 और 2006 में राज्यसभा सदस्य रहे थे। इसके बाद दिसंबर, 2004 से मार्च, 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। कृष्णा 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार में विदेश मंत्री रहे।
एसएम कृष्णा की शुरुआती शिक्षा मैसूर में हुई। उन्होंने मैसूर के महाराज कॉलेज से ग्रेजुएट किया। इसके बाद बेंगलुरु के शासकीय लॉ कॉलेज से एलएलबी किया। 29 अप्रैल 1964 को प्रेमा के साथ उनका विवाह हुआ। कृष्णा पढ़ाई के लिए अमेरिका भी गए। उन्होंने टेक्सास की साउथेन मॉडलिस्ट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट और वॉशिंगटन डीसी की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस की। इसके कुछ दिन बाद वे राजनीति में आए।
कृष्णा ने अपने राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जब साल 2017 उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। साल 2023 में, उन्हें भारतीय राजनीति में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उनके निधन पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू समेत कई दिग्गत नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
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नायडू ने कहा कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा गारू के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। हमारी दोस्ती हमारे संबंधित राज्यों में निवेश आकर्षित करने में हमारी प्रतिस्पर्धात्मक भावना से कहीं बढ़कर थी। वह एक सच्चे नेता थे, जिन्होंने हमेशा अपने लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी। इस कठिन समय में मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।